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बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए फ्रेश केवाईसी अनिवार्य कर दिया
सारे निवेशक केवाईसी कराने में बैंक स्टेटमेंट या यूटिलिटी बिल जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल करते थे.
बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए फ्रेश केवाईसी अनिवार्य कर दिया है. इसकी डेडलाइन 31 मार्च को ही बीत चुकी है, लेकिन निवशकों को अकाउंट ब्लॉक होने से राहत दी जा चुकी है. अब केवाईसी पर डॉक्यूमेंट को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है.सेबी ने केवाईसी डॉक्यूमेंटेशन में कुछ बदलाव किया है. नए वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2024 से लागू हुए बदलावों के अनुसार, अब कुछ चुनिंदा डॉक्यूमेंट के साथ ही निवेशक फ्रेश केवाईसी करा सकते हैं. बहुत सारे निवेशक केवाईसी कराने में बैंक स्टेटमेंट या यूटिलिटी बिल जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल करते थे. नियामक ने उन्हें झटका दिया है और वैलिड डॉक्यूमेंट की लिस्ट से बैंक स्टेटमेंट और यूटिलिटी बिल को हटा दिया है.
ये डॉक्यूमेंट होंगे स्वीकार
- आधार कार्ड.
- पासपोर्ट.
- ड्राइविंग लाइसेंस.
- वोटर आई कार्ड.
- नरेगा जॉब कार्ड.
- रेगुलेटर के साथ एग्रीमेंट के तहत केंद्र के द्वारा स्वीकृत कोई अन्य दस्तावेज.
- इन दस्तावेजों से नहीं चलेगा काम सेबी ने म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स को बताया है कि अब बैंक स्टेटमेंट या यूटिलिटी बिल जैसे डॉक्यूमेंट केवाईसी में स्वीकार नहीं किए जाएंगे. केवाईसी में इन्वेस्टर को एक केवाईसी फॉर्म भरना पड़ता है, जिसके साथ में आइडेंटिटी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ का दस्तावेज जमा करना होता है.इससे पहले म्यूचुअल फंड के निवेशकों को फ्रेश केवाईसी के मामले में कुछ राहत मिली है. पहले कहा जा रहा था कि 31 मार्च तक फ्रेश केवाईसी नहीं कराने वाले निवेशकों के म्यूचुअल फंड अकाउंट ब्लॉक हो जाएंगे. अब इसमें छूट देते हुए कहा गया है कि अगर कोई निवेशक 31 मार्च तक फ्रेश केवाईसी नहीं करा पाता है, तब भी वह अपने म्यूचुअल फंड फोलियो में ट्रांजेक्शन कर पाएगा. 31 मार्च 2024 तक फ्रेश केवाईसी नहीं कराने पर म्यूचुअल फंड अकाउंट ब्लॉक नहीं किए गए हैं, बल्कि उन्हें होल्ड पर डाला गया है. जैसे ही निवेशक फ्रेश केवाईसी कराएंगे, उनके म्यूचुअल फंड अकाउंट को होल्ड से हटा दिया जाएगा