भारत में आज भी लाखों ऐसे युवा हैं जो नौकरी करते हुए अपनी पढ़ाई भी जारी रखना चाहते हैं,
यूनिवर्सिटी में तो कई युवा अपना नामांकन भी करवा लेते हैं लेकिन नौकरीपेशा होने की वजह से कोर्स पूरा नहीं कर पाते हैं.
भारत में आज भी लाखों ऐसे युवा हैं जो नौकरी करते हुए अपनी पढ़ाई भी जारी रखना चाहते हैं, लेकिन कई बार फुलटाइम जॉब करते हुए ऐसा करना मुश्किल हो जाता है. हर साल अलग-अलग यूनिवर्सिटी में तो कई युवा अपना नामांकन भी करवा लेते हैं लेकिन नौकरीपेशा होने की वजह से कोर्स पूरा नहीं कर पाते हैं. इन समस्याओं को देखते हुए और नौकरीपेशा युवाओं के स्किल को बढ़ाने के लिए भारत के टॉप संस्थानों में शुमार आईआईएम संबलपुर ने हाल ही में अपने दिल्ली कैम्पस में एमबीए फॉर वर्किंग प्रोफेशनल्स (2024-2026) प्रोग्राम में एडमिशन के लिए आवेदन लेना शुरू कर दिया है. इस प्रोग्राम के लिए आवेदन करने वाले छात्र अब नौकरी के साथ पढ़ाई कर पाएंगे. आवेदन की आखिरी तारीख 15 अप्रैल, 2024 है. दो साल के इस प्रोग्राम को उद्यमशीलता के साथ-साथ नई स्किल को बढ़ावा देने और संगठनात्मक विकास (organizational development) को आगे बढ़ाने के लिहाज से डिजाइन किया गया है. इस प्रोग्राम में नौकरीपेशा लोगों को बेहतर रणनीति बनाने के काबिल बनाने की कोशिश की जाएगी. इस प्रोग्राम के लिए कक्षाएं हर वीकेंड पर हाइब्रिड तरीके से आयोजित की जाएगी ताकी नौकरीपेशा लोग आसानी से इन कक्षाओं में शामिल हो पाएं.
नौकरीपेशा लोगों के हिसाब से तैयार किया गया है सिलेबस इस प्रोग्राम में एडमिशन लेने वाले युवाओं को बिजनेस मैनेजमेंट के अलग-अलग क्षेत्रों की जानकारी दी जाएगी. इसमें वित्त, मार्केटिंग, रणनीति, मानव संसाधन प्रबंधन और संचालन के बारे में बताया जाता है. एग्जीक्यूटिव एमबीए कोर्स (2024-26) के सिलेबस को भी कामकाजी पेशेवर यानी नौकरी करने वाले लोगों के हिसाब से तैयार किया गया है. इसमें खासकर ऐसे लोगों को एडमिशन लेना चाहिये जो एंटरप्रेन्योर हैं, अपना काम शुरू करना चाहते हैं या केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों का लाभ उठाना चाहते हैं.
किस आधार पर सलेक्ट किया जाएगा आपका आवेदन इस प्रोग्राम के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के पास स्नातक में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होना जरूरी है. इसके अलावा आवेदक के पास कम से कम 3 साल नौकरी करने का अनुभव होना जरूरी है. इस कोर्स के लिए आवेदन करने के बाद आपका इंटरव्यू लिया जाएगा और इसके आधार पर ही चयन किया जाएगा. फाइनल मेरिट लिस्ट आवेदक के प्रदर्शन, शैक्षणिक योग्यता और नौकरी के अनुभव के आधार पर तैयार किया जाएगा. इस कोर्स में कैंडिडेट को लाइव सेशन, इंटरैक्टिव, हाई डेफिनिशन प्रोग्राम, वीडियो कॉन्फ्रेंस, वर्चुअल क्लासरूम (वीसीआर) ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और ऑफलाइन मोड के जरिये पढ़ाई कराई जाएगी.
क्या है इस प्रोग्राम की फीस आईआईएम की वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुासर एग्जीक्यूटिव एमबीए के दो साल के कोर्स की फीस 14 लाख रुपये है. जिसमें ट्यूशन फीस, वर्चुअल लाइब्रेरी एक्सेसऔर कैंपस इमर्शन शामिल है.
कोर्स को लेकर डायरेक्टर ने क्या कहा 2 साल के इस प्रोग्राम के बारे आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने मीडिया चैनल से बात करते हुए बताया कि कार्यक्रम की खासियत यही है कि यह एंटरप्रेन्योरशिप की मानसिकता वाले लोगों को आगे लाने का काम करेगा. इसमें डिजिटल परिवर्तन, सस्टेनेबिलिटी, जिम्मेदार नेतृत्व, डेटा एनालिटिक्स और कॉर्पोरेट एंटरप्रेन्योरशिप जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता का अवसर मिलता है.
एमबीए और एग्जीक्यूटिव एमबीए में क्या है अंतरएमबीए कोर्स छात्रों के साथ वर्किंग प्रोफेशनल में भी काफी मशहूर है. लेकिन क्या आपको पता है कि एमबीए और एग्जीक्यूटिव एमबीए में क्या फर्क है.
एमबीए- एमबीए पारंपरिक तौर पर दो साल का कोर्स होता है. अगर इस कोर्स के करने वाले छात्र पार्ट टाइम एमबीए चुनते हैं तो इसे तीन से चार साल तक बढ़ाया जा सकता है. वहीं अगर छात्र रेगुलर एमबीए कर रहे हैं तो उन्हें किसी प्रोफेशनल एक्सपीरियंस की जरूरत नहीं होती. हालांकि किसी भी कॉलेज में प्रवेश से पहले उन्हें CAT जैसी प्रवेश परीक्षा पास करनी पड़ती है.फुल टाइम एमबीए कोर्स में छात्र को हर दिन कक्षाएं लेनी पड़ती है. यह प्रोग्राम आपका पूरा समय मांगता है. जिसके चलते आप चाह कर भी एमबीए के साथ कोई नौकरी नहीं कर पाएंगे. एमबीए में दाखिला लेने वाले छात्र फाइनेंस, मार्केटिंग और एचआर जैसे फील्ड में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं.
एग्जीक्यूटिव एमबीए- एग्जीक्यूटिव एमबीए हमारे देश में 12 से 18 महीने का फुल टाइम और 24 से 36 महीने का नॉन रेजिडेंशियल, प्रोग्राम होता है. इसमें पांच साल या इससे अधिक समय तक मैनेजेरियल एक्सपीरियंस को ही प्रवेश मिल सकता है.हालांकि आमतौर पर एग्जीक्यूटिव एमबीए वालों को भी रेगुलर एमबीए का ही सिलेबस या स्टडी मटेरियल पढ़ाया जाता है. लेकिन एग्जीक्यूटिव एमबीए का सिलेबस रेगुलर एमबीए की तुलना में तेजी से कवर किया जाता है.
एमबीए करने के फायदे ग्लोबल मार्केट की समझ: एमबीए की पढ़ाई करने वाले छात्रों को अपने बिजनेस शुरू करने में भी फायदा होता है. इस कोर्स से आपकी ग्लोबल मार्केट की समझ बढ़ जाती है.
कम्युनिकेशन स्किल: एमबीए का कार्स कर रहे छात्रों में प्रभावी संचार एक मूल क्वालिटी होती है. इस कोर्स में छात्रों के मौखिक और लिखित कम्यूनिकेशन स्किल को सुधारने में मदद की जाती है. यही कारण है कि एमबीए डिग्री धारकों की कम्युनिकेशन स्किल अच्छी हो जाती है.
बढ़ जाते हैं जॉब के मौके: आज के समय में ऐसी बहुत सारी कंपनियां हैं तो एमबीए कैंडिडेट्स को हायर करना चाहती है. क्योंकि इस प्रोग्राम के छात्रों के पास मैनेजमेंट से लेकर बिजनेस की समझ काफी अच्छी होती है.
बेहतर सैलरी: अगर आपने अच्छे कॉलेज या संस्थान से एमबीए का कोर्स किया है तो भविष्य में इसका फायदा आपको जरूर मिलता है. क्योंकि ज्यादातर कंपनियां एमबीए की डिग्री वाले युवा को हायर करना चाहती है ऐसे में आपको अच्छी सैलरी भी मिल जाती है.
MBA कोर्स की फीस भी जान लीजिए आमतौर पर रेगुलर एमबीए और एग्जीक्यूटिव एमबीए प्रोग्राम की फीस कॉलेज अपने हिसाब से तय करती है. भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक आईआईएम में इस कोर्स के फीस की बात की जाए तो यहां 12 लाख से लेकर 16 लाख लिया जाता है. हालांकि नए आईआईएम में CAT के जरिए एडमिशन पर एमबीए की करीब 16 लाख फीस लगती है.
कोर्स के बाद कौन-कौन सी नौकरियां मिलती है अगर आप रेगुलर एमबीए कर रहे हैं तो आपको इन्वेस्टमेंट बैंकर, प्रोजेक्ट मैनेजर, सीनियर फाइनेंशियल कंसल्टेंट, बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर आदि में नौकरी मिल सकती है.वहीं अगर आप एग्जीक्यूटिव एमबीए का कोर्स कर रहे हैं तो आपको मार्केटिंग एंड सेल्स एग्जीक्यूटिव, ब्रांड एग्जीक्यूटिव, कम्युनिकेशन मैनेजर में नौकरी मिल सकती है.