हाथरस
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निशुल्क प्रवेश दिया जाता है
हाथरस के निजी स्कूलों के खिलाफ प्रवेश के नाम पर 10 हजार तक की अवैध वसूली का आरोप लगाया गया
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निशुल्क प्रवेश दिया जाता है। हाथरस के निजी स्कूलों के खिलाफ प्रवेश के नाम पर 10 हजार तक की अवैध वसूली का आरोप लगाया गया है। इस पर हाथरस बीएसए ने 33 निजी स्कूलों को नोटिस थमा दिया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों से निजी विद्यालयों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है। प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों ने फोन पर विद्यालयों पर यह आरोप लगाया है। बीएसए ने इस मामले में सख्त रुख अख्तियार करते हुए 33 विद्यालयों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण तलब किया है। आरटीई के तहत आर्थिक रूप से दुर्बल विद्यार्थियों को निजी विद्यालयों में 25 फीसदी सीटों पर निशुल्क प्रवेश देने का प्रावधान है। शिक्षा सत्र 2024-25 में आरटीई के तहत 1617 विद्यार्थियों को सीट आवंटित की गई थी। बीएसए ने सभी विद्यालयों को 15 अप्रैल तक प्रवेश देने आदेश दिया है। इस बीच तमाम अभिभावक शिकायत कर रहे थे कि कुछ निजी विद्यालय आरटीई में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों से रुपयों की मांग कर रहे हैं। बीएसए ने अनूठी पहल करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों द्वारा आरटीई प्रथम चरण की सूची में शामिल सभी विद्यार्थियों के अभिभावकों से फोन पर पूछताछ कराई कि विद्यालय ने प्रवेश के लिए उनसे किसी भी प्रकार की धन वसूली तो नहीं की है। बीएसए ने बताया कि 44 विद्यार्थियों के अभिभावकों ने विद्यालयों पर प्रवेश के नाम पर रुपये वसूलने के आरोप लगाए। बीएसए ने इन सभी विद्यालयों के संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इन विद्यालयों पर है वसूली का आरोप