महायज्ञ की कुटिया में लगी भीषण आग, मची अफरा-तफरी, जलकर हुआ खाक
हाथरस से मनोज शर्मा की रिपोर्ट
हाथरस। प्राचीन चामुंडा देवी मंदिर पर चैत्रीय नवरात्र पर सहस्त्रचंडी महायज्ञ का आयोजन हुआ। इसके लिए मंदिर पर परिसर में एक कुटिया बन गई थी। शाम को जब यज्ञ चल रहा था, तभी एकाएक बिजली के तार में शॉर्ट सर्किट हो गया। शॉर्ट सर्किट के बाद निकली चिंगारी की चपेट में हवन की कुटिया आ गई। देखते ही देखते कुटिया आग का गोला बन गई। शहर के अलीगढ़ रोड, रमनपुर मोहल्ला स्थित प्राचीन चामुंडा देवी मंदिर पर चल रहे सहस्त्रचंडी महायज्ञ की कुटिया में मगलवार शाम को शॉर्ट सर्किट के बाद भीषण आग लग गई। इससे वहां अफरा -तफरी मच गई। कुछ ही देर में कुटिया आग का गोला बन गई और आग की चपेट में आने से पूरी तरह से खाक हो गई। लोगों ने तुरंत इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी, लेकिन फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही लोगों ने सबमर्सिबल पंप चलाकर आग पर काबू पा लिया। प्राचीन चामुंडा देवी मंदिर पर चैत्रीय नवरात्र के अवसर पर सहस्त्रचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए मंदिर पर परिसर में एक कुटिया बन गई थी। जिसमें हाथरस व आस-पास जिलों के एक दर्जन से अधिक धार्मिक विद्वान व आचार्यों और यजमान द्वारा महायज्ञ में भाग लिया जा रहा है। 9 अप्रैल की शाम को जब यज्ञ चल रहा था। तभी एकाएक बिजली के तार में शॉर्ट सर्किट हो गया। शॉर्ट सर्किट के बाद निकली चिंगारी की चपेट में हवन की कुटिया आ गई। देखते ही देखते कुटिया पूरी तरह से आग का गोला बन गई।
सब जलकर राख
आग की लपेट देख वहां अफरा-तफरी मच गई। कुटिया के अंदर मौजूद आचार्य, धार्मिक विद्वान और यजमान जैसे-तैसे बाहर निकले। लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पर पुसिल व फायर ब्रिगेड को। इस दौरान लोगों ने मंदिर व आस-पास लगी सबमर्सिबल पंप से आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए। फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही लोगों ने आग पर काबू पा लिया। गनीमत की बात यह रही कि इस में किसी प्रकार का कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। अन्यथा आग से बड़ा हादसा हो सकता था।