पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 76 वर्षीय सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा चुनाव 2024
4 जून को लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने वाला है.
पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 76 वर्षीय सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण की वोटिंग से ठीक कुछ दिन पहले ही बयान से सियासी हलकों में हलचल मचा दी. उन्होंने दावा किया कि इस बार 4 जून को लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने वाला है. तृणमूल के लगभग 30 सांसद जीत के आएंगे और ममता एक बड़ा फैक्टर होंगी. ममता में वो सब कुछ है, जो देश की अगली प्रधानमंत्री बनने के लिए एक व्यक्ति में होना चाहिए.टीएमसी नेता ने बताया कि बतौर तीन बार कि मुख्यमंत्री उन्होंने इस बात को सिद्ध भी किया है. सौगत रॉय चौथी बार तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर पश्चिम बंगाल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वो 4 बार के सांसद हैं और लोकसभा चुनाव 2024 में बंगाल के सबसे उम्रदराज प्रत्याशी भी हैं. उन्होंने बताया कि ये मेरी बतौर सांसद चौथी टर्म है. मैं एक बार बैरकपुर से भी सांसद रह चूका हूं. जब मैं पहली बार साल 1977 में सांसद बना था तब मैंने उस वक्त के दिग्गज मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह को देखा था. अब राजनीति में वैसे दिग्गज देखने को नहीं मिलते हैं”.
अमित शाह पर साधा निशाना तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए बीजेपी के बंगाल विजय के दावे को लेकर कहा कि “पश्चिम बंगाल में बीजेपी को उम्मीदवार नहीं मिल रहा है. एक उम्मीदवार मैदान छोड़कर भाग गया अब वो एसएस अहलूवालिया को आसनसोल से लेकर आएं है. उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र में कुछ नहीं किया इसलिए बीजेपी ने उन्हें दार्जिलिंग से लेकर वर्धमान और अब सजा के रूप में आसनसोल से चुनाव लड़ाया है. बीजेपी को अभी भी डायमंड हार्बर के लिए प्रत्याशी नही मिला है”. इसी बात को लेकर आगे तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा कि “कभी अमित शाह पश्चिम बंगाल में 35 सीटें जीतने का दावा करते थे अब वो 30 सीटें बोलने लगे हैं. असल में सच्चाई यह है कि बीजेपी के पास उम्मीदवार ही नही हैं”.
NIA पर हमले को लेकर क्या बोले? टीएमसी के सबसे सीनियर नेता सौगत रॉय ने केंद्रीय जांच एजेंसी NIA टीम पर हमले को लेकर कहा कि “मैं किसी भी सरकारी अधिकारी पे हमले का समर्थन नहीं करता हूं. ये सब अचानक हुआ था”. उन्होंने आगे कहा कि “संदेशखाली की घटना टीएमसी के लिए झटका जरूर थी, लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए की बंगाल पुलिस ने ही शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया था. ममता बनर्जी ने स्थिति को अच्छे तरीके संभाला था अगर कोर्ट चाहे तो केस CBI को सौंप सकती है”. उन्होंने कहा कि, महिलाओं के आरोपों की जांच जरुरी है पर CBI का सक्सेस रेट कितना है”?