कांग्रेस की टिकट पर उत्तर पश्चिम दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे उदित राज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला
प्रधानमंत्री जी ने विभिन्नताओं को पांव तले कुचल दिया है. अगर ये पांच साल और रहेंगे तो विभिन्नताओं को लेकर देश को खत्म कर देंगे.
कांग्रेस की टिकट पर उत्तर पश्चिम दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे उदित राज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, “आज दक्षिण भारत में बेचैनी क्यों है? गवर्नर द्वारा तमाम बिल रोके जा रहे हैं. प्रधानमंत्री जी ने विभिन्नताओं को पांव तले कुचल दिया है. अगर ये पांच साल और रहेंगे तो विभिन्नताओं को लेकर देश को खत्म कर देंगे.”उदित राज ने आगे कहा, “जब भारत आजाद हुआ था, तब देश में सुई तक नहीं बनती थी. इन्हें नफरत, असमानता का भारत नहीं दिया था. दुनिया में सबसे ज्यादा पीड़ित भारत के युवा हैं. इन्होंने देश को बर्बाद कर दिया. प्रेस, हंगर, जॉब इंडेक्स में इनके कार्यकाल में जो गिरावट देखने को मिला, वैसा पहले कभी नहीं हुआ.”उन्होंने कहा कि पीएम कहते हैं, “भारत तरक्की कर रहा है. जबकि 80 करोड़ लोगों को 5 किलो राशन पर जिंदा रखा है.” बीजेपी के संकल्प पत्र को जुमला पत्र करार देते हुए बताया कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 30 लाख लोगों को नौकरी, MSP, कर्ज माफी की बात के साथ महिला न्याय, युवा न्याय सहित पांच न्याय का लोगों से वादा किया है.
सीबीआई-ईडी के निशाने सभी नेता विपक्षी क्यों? दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी उदित राज ने प्रधानमंत्री द्वारा सीबीआई-ईडी रेड के दिए गए बयान पर कहा कि तीन फीसदी राजनेताओं पर सीबीआई-ईडी की कार्रवाई में शत प्रतिशत विपक्ष के नेता हैं. अजित पवार, रेड्डी ब्रर्दर, अशोक चौहान, छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल आदि को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया. जो नहीं मानता है, उसे बीजेपी वाले जेल भेज देते हैं. जो बीजेपी में चला जाता है, उसे माफ कर दिया जाता है. चुनाव आयोग ने पीएम को अभी तक नोटिस नहीं दिया चुनाव आयोग पीएम मोदी जी को एक भी नोटिस नहीं दिया. जबकि मॉडल कोड ऑफ कंडेक्ट को लेकर राहुल गांधी को नोटिस दिया जाता है. 28 पार्टियों का गठबंधन चुनाव आयोग से मिलने का समय मांग रहा है, लेकिन समय नहीं मिल रहा है. कांग्रेस द्वारा नियुक्त चुनाव आयोग में राव जी, टी एन शेषण भी थे. संसद में प्रस्ताव पास कर चुनाव आयोग की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के जज को बाहर कर दिया और कहते है कि ये निष्पक्ष हैं. इंदिरा गांधी इतनी पावरफुल थी, जिन्होंने बंग्लादेश को दो हिस्से में बांट दिया. बावजूद इसके उनके चुनाव को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया, उस समय की मीडिया भी अलग थी.