कोरोना के दौरान कई लोगों के सपने टूटे और कई लोगों ने अपनों को भी खोया. इस दौरान कई खिलाड़ियों का भी करियर समाप्त हो गया
कोविड -19 का ये व्यवधान बेंगलुरु के निशानेबाज तेजस कृष्ण प्रसाद के लिए वरदान समान निकला.
कोरोना के दौरान कई लोगों के सपने टूटे और कई लोगों ने अपनों को भी खोया. इस दौरान कई खिलाड़ियों का भी करियर समाप्त हो गया. लेकिन कोविड -19 का ये व्यवधान बेंगलुरु के निशानेबाज तेजस कृष्ण प्रसाद के लिए वरदान समान निकला. दरअसल, कृष्ण प्रसाद टोक्यो ओलंपिक के संभावित खिलाड़ियों में से थे. मंगलवार को एयर राइफल निशानेबाज ने सिविल सेवा परीक्षा पास की और 243 वां स्थान प्राप्त किया.मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रसाद का कहना है कि एक खिलाड़ी होने के नाते उन्होंने अपना ध्यान केंद्रित रखने व दूसरे प्रयास में सिविल सेवाओं में सफल होने में मदद मिली. वह कहते हैं कि कोविड शुरू होने पर कोई प्रतियोगिता नहीं थी और तभी उन्होंने सोचा कि उन्हें यूपीएससी में हाथ आजमाना चाहिए. इस परीक्षा को पास करने में उन्हें दो प्रयास लगे.
एक्साइज इंस्पेक्टर हैं मां तेजस कृष्ण प्रसाद श्री कुमारन पब्लिक स्कूल के छात्र हैं. आरवी कॉलेज से उन्होंने बीई कंप्लीट की है. तेजस की मां एक्साइज इंस्पेक्टर हैं, जिनकी हॉबी शूटिंग की है. तेजस ने अपनी मां से ही प्रेरणा ली थी. उन्होंने साल 2014 से शूटिंग में हाथ आजमाया. वह 2016 के इंडिया के जूनियर स्क्वाड में भी थे. कृष्ण बताते हैं कि साल 2019 तक वह भारत में नंबर 4 पर थे. उन्होंने बीजिंग और म्यूनिख दोनों विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया. वह साल 2018 से लेकर 2020 तक सीनियर टीम का हिस्सा थे.
मां से मिली प्रेरणा
उनका कहना है कि सिविल सेवक के रूप में चयन होने के बाद भी वह शूटिंग जारी रखेंगे. एक वक्त के बाद हमें तैयारी के लिए बहुत ज्यादा समय की जरूरत नहीं है. वह कहते हैं कि उनकी मां ने उन्हें हमेशा सिविल सेवाओं में जाने के लिए प्रेरित करती थीं.