आजकल शिक्षा के नाम पर ठगी करने का चलन बढ़ता जा रहा है. ऐसा ही एक ताजा मामला राजधानी दिल्ली से सामने आया है.
जनरल नर्सिंग मिडवाइफरी कोर्स के लिए 51 स्टूडेंट्स की क्लास शुरू कर दी. इन सभी छात्रों से लाखों रुपये फीस ले ली गई.
आजकल शिक्षा के नाम पर ठगी करने का चलन बढ़ता जा रहा है. ऐसा ही एक ताजा मामला राजधानी दिल्ली से सामने आया है. जहां छात्र-छात्राओं ने पढ़ाई तो शुरू कर ली लेकिन उन्हें दो साल बाद पता चला कि उनका तो दाखिला ही नहीं हुआ है. वह ठगी का शिकार हो गए हैं. ऐसे में अब ये छात्र और उनका अभिवावक बेहद चिंतित हैं.दरअसल, ये मामला दिल्ली के विवेक विहार स्थित एक इंस्टीट्यूट का है.जिसने पंजाब के नर्सिंग कॉलेजों से जनरल नर्सिंग मिडवाइफरी कोर्स के लिए 51 स्टूडेंट्स की क्लास शुरू कर दी. इन सभी छात्रों से लाखों रुपये फीस ले ली गई. साथ ही दो साल तक इन स्टूडेंट्स की क्लास भी चलीं.लेकिन परीक्षा से पहले छात्रों को ये पता चला कि इंस्टीट्यूट ने जिस शख्स के माध्यम से पंजाब के कॉलेजों में प्रवेश करवाने का दावा किया था, वह व्यक्ति ठग है. इसके बाद छात्रों और उनका अभिभावकों ने इंस्टिट्यूट पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. जिसके बाद संस्थान की तरफ से ठग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. पुलिस ने कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और कार्यवाही में जुट गई है.
कई संस्थानों में एडमिशन दिलाने का था ऑफर दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी एंड पैरामेडिकल साइंसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर शार्दुल सिंह ने बताया कि उनका कार्यालय विवेक विहार में है. संस्थान 20 वर्ष से भी ज्यादा के समय से पैरामेडिकल कोर्स के कंसल्टेंट, एडमिशन, ट्रेनिंग व प्लेसमेंट के क्षेत्र में कार्य कर रहा है. कोरोना के दौरान सोनीपत के रहने वाला सुनील कुमार जांगड़ा उनके संस्थान में आया था.उसने अपने आप को एजुकेशन कंसल्टेंट व पंजाब के विभिन्न नर्सिंग कॉलेजों का प्रतिनिधि बताया था. इंस्टीट्यूट के मालिक की तरफ से कहा गया है कि उसने पंजाब के कई नर्सिंग कॉलेजों में एएनएम, जीएनएम और बीएससी नर्सिंग कोर्स में प्रवेश दिलाने का ऑफर दिया था. जिसके बाद ही जीएनएम कोर्स में विद्यार्थियों का प्रवेश लिया गया.
लाखों का फ्रॉड
आरोपित ने अगस्त 2022 से लेकर जनवरी 2024 के मध्य में फीस के रूप में करीब 30 लाख 57 हजार रुपये लिए हैं. छात्र-छात्राओं के प्रवेश के प्रूफ के रूप में उसने अलग-अलग संस्थानों के लेटरहेड पर एडमिशन व फीस की डिटेल प्रदान की. मगर ये सभी फर्जी निकला. फिलहाल पुलिस की जांच-पड़ताल में जुटी है.