टेक्नोलॉजी

अमेरिका में शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक ऐसे विधेयक पर हस्ताक्षर किए

चीनी मालिक बाइटडांस को टिकटॉक में हिस्सेदारी बेचने के लिए 9 महीने का समय दिया गया

अमेरिका में शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक ऐसे विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें चीनी मालिक बाइटडांस को टिकटॉक में हिस्सेदारी बेचने के लिए 9 महीने का समय दिया गया है.अगर बाइटडांस टिकटॉक को यूएस खरीदार को नहीं बेच पाती है तो टिकटॉक का इस्तेमाल अमेरिका में पूरी तरह से बंद हो जाएगा. लेकिन क्या आपको पता है कि कई देशों में तो टिकटॉक पहले से ही बैन है. आइए जानते हैं कि ऐसे कौन से देश हैं और इसके पीछे क्या वजह है.इस लिस्ट में पहला देश भारत है. साल 2020 में भारत ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए टिकटॉक और 58 अन्य चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया था. उस दोरान भारत में TikTok यूज करने वाले लोगों की तादाद सबसे ज्यादा थी. मजेदार बात तो यह है कि चीन में TikTok के इंटरनेशनल वर्जन की अनुमति नहीं है हालांकि चीनी यूजर्स सेंसरशिप वाले चीनी वर्जन “Douyin” का इस्तेमाल कर सकते हैं. अन्य देशों में अफगानिस्तान और ईरान के नाम भी शामिल हैं.तालिबान ने अपनी युवा पीढ़ी को ‘गुमराह’ होने से बचाने के लिए पबजी के साथ-साथ TikTok पर भी बैन लगा दिया था. वहीं ईरान की सरकार ने भी टिकटॉक और दूसरे फेमस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया हुआ है.

उत्तर कोरिया समेत इन देशों में भी बैन है ऐप अन्य देशों की बात करें तो इसमें उत्तर कोरिया, इंडोनेशिया, उज़्बेकिस्तान, रूस, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, कनाडा, ताइवान और बेल्जियम हैं. उत्तर कोरिया में TikTok उन वेबसाइट या ऐप्स में नहीं है जो यहां के लोग चला सकते हैं. इसके अलावा उज़्बेकिस्तान में सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन करने के कारण TikTok बैन है. इंडोनेशिया में ई-कॉमर्स कानूनों का उल्लंघन करने के लिए अक्टूबर 2023 में TikTok को बैन कर दिया गया था. रूस ने भी साल 2022 में सोशल मीडिया पर देखे जाने वाले सभी तरह के अंतर्राष्ट्रीय कंटेंट पर बैन लगा दिया था तो वहीं सुरक्षा और गोपनीयता के कारण ऑस्ट्रेलियाई संघीय सरकारी डिवाइस से भी TikTok बैन कर दिया गया था. अन्य देशों में किर्गिस्तान, यूनाइटेड किंगडम, न्यूजीलैंड, माल्टा, फ्रांस, नॉर्वे और लातविया हैं. अमेरिका की तरफ से इस कार्रवाई को लेकर टिकटॉक ने भी अपनी प्रतिक्रिया जारी की है.

JNS News 24

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