अमेठी में फिर से बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है.
बीजेपी के प्रत्याशी के तौर पर केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद स्मृति ईरानी ने सोमवार को नामांकन करेंगी.
उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट इस बार फिर से चर्चा का विषय बनी हुई है. अमेठी में फिर से बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है. बीजेपी के प्रत्याशी के तौर पर केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद स्मृति ईरानी ने सोमवार को नामांकन करेंगी. उनके नामांकन के दौरान बीजेपी ने एक बड़ा सियासी दांव खेल दिया है. दरअसल, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जब नामांकन करने जा रही थीं उस वक्त उनके साथ बीजेपी के तमाम नेताओं के अलावा मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव भी मौजूद थे. अमेठी में सीएम मोहन यादव की मौजूदगी को बीजेपी के बड़े दांव के तौर पर देखा जा रहा है. इस सीट पर मुस्लिम, ब्राह्मण, क्षत्रिय के बाद सबसे ज्यादा वोट यादव वोटर्स हैं. यहां करीब दो लाख यादवों का वोट है. ऐसे में मोहन यादव के जरिए बीजेपी ने इस सीट पर यादव वोटर्स को पार्टी की ओर लाने की कोशिश की है. अगर बीजेपी इस बार अमेठी में फिर से यादव वोटर्स को तोड़ने में सफल रही तो स्मृति ईरानी की राह आसान हो जाएगी. इसी वजह से केंद्रीय मंत्री के साथ पूरे रोड शो के दौरान सीएम मोहन यादव नजर आए.
इन विधानसभाओं में यादव वोटर्स
हालांकि मोहन यादव के अमेठी आने से पहले ही बीजेपी ने इसका सियासी संदेश अमेठी के गांव-गांव तक पहुंचाना शुरू कर दिया था. अमेठी की गौरीगंज विधानसभा में करीब 35 हजार, सलोन में करीब 36 हजार और तिलोई में करीब 27 हजार यादव वोटर्स हैं. इसके अलावा सुल्तानपुर और रायबरेली में भी यादव वोटर्स की एक बड़ी संख्या है.हालांकि सीएम मोहन यादव से पहले भी बीजेपी अमेठी में यादव वोटर्स पर फोकस कर रही है. बीजेपी ने प्रभारी मंत्री के तौर पर योगी सरकार के मंत्री गिरिश यादव को जिम्मेदारी दी गई थी. उनकी मौजूदी में यहां यादव समाज के कई कार्यक्रम आयोजिक किए गए.