दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के हॉस्टल में 21 साल की एक युवती ने मंगलवार को कथित तौर पर आत्महत्या
हॉस्टल के एक कर्मचारी ने सुबह करीब 11.30 बजे युवती का शव फंखे से लटका देखा
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के हॉस्टल में 21 साल की एक युवती ने मंगलवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. घटना स्थल से एक सुसाइट नोट भी बरामद किया गया है. पुलिस के अनुसार हॉस्टल के एक कर्मचारी ने सुबह करीब 11.30 बजे युवती का शव फंखे से लटका देखा और संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें उसने लिखा था कि वह अपनी नर्सिंग की पढ़ाई और बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के कारण अवसाद में थी. पुलिस ने बताया कि युवती बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और मूल रूप से बिहार की रहने वाली थी. उसने बताया कि परिवार को घटना की जानकारी दे दी गई है और आगे की जांच जारी है.
बढ़ रहे हैं छात्र आत्महत्या के मामले गौरतलब है कि परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव, रिजल्ट का डर, पढ़ाई का दबाव, रैगिंग जैसी कई घटनाओं के कारण छात्र आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं. कुछ महीने पहले आई राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक्सीडेंटल डेट्स एंड सुसाइड इन इंडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में भारत में 13,000 से ज्यादा छात्रों ने अपनी जान गंवाई है. यानी औसतन प्रति दिन 35 से ज्यादा छात्रों मौत हुई है. छात्रों में आत्महत्या के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने ‘उम्मीद’ नामक नई पहल की.‘उम्मीद’ ड्राफ्ट गाइडलाइंस ‘एवरी चाइल्ड मैटर्स’ यानी हर बच्चा मायने रखता, की धारणा रखी गई है. गाइडलाइंस बताती है कि कि छात्र व्यक्तिगत और सामाजिक चुनौतियों से निपटने का संघर्ष करता है, तो उनमें उदासी, असंतोष, हताशा, निराशा, मूड स्विंग्स और स्थिति गंभीर होने पर आत्महत्या या सेल्फहार्म जैसी भावनाएं देखने को मिलती हैं.आंकड़े बताते हैं कि छात्रों की आत्महत्याओं के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. 2021 में 13,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. यह 2020 में दर्ज की गई 12,526 मौतों की तुलना में 4.5 प्रतिशत ज्यादा है. चौंकाने वाली बात यह है कि रिपोर्ट की गई 10,732 आत्महत्याओं में से 864 आत्महहत्या परीक्षा में फेल होने के डर से की गयी हैं.