भारत के लिए राहत की खबर आई है. इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा फिसला
क्रूड ऑयल 78.99 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा
भारत के लिए राहत की खबर आई है. इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा फिसला है. WTI क्रूड ऑयल 78.99 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव के बावजूद पिछले एक महीने में कच्चे तेल के दामों में करीब 13 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों पर नजर डालें तो ब्रेंट क्रूड ऑयल 83.57 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. तो WTI क्रूड 78.99 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है. जबकि 5 मई 2024 को कच्चा तेल 91 डॉलर प्रति बैरल के लेवल पर जा पहुंचा था. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भारत के लिए राहत वाली खबर लेकर आई है. सरकारी तेल कंपनियों को इससे सबसे ज्यादा राहत मिली है. कच्चे तेल के दामों में उछाल के चलते वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में सरकारी तेल कंपनियों के मुनाफे में कमी आई है.
कच्चे तेल के दामों में गिरावट का असर शेयर बाजार में भी देखने को मिला. सरकारी तेल कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिला है. बीपीसीएल का स्टॉक 4.45 फीसदी के उछाल के साथ 634.80 रुपये पर बंद हुआ है. एचपीसीएल का शेयर 7.67 फीसदी के उछाल के साथ 533.20 रुपये पर बंद हुआ है. जबकि आईओसी का स्टॉक 2.60 फीसदी के उछाल के साथ 173.35 रुपये पर बंद हुआ है. वैश्विक तनाव के बाद ऑयल सेक्टर से जुड़े जानकार ये आशंका जाहिर कर रहे थे कि कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल को छू सकता है. लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. सरकारी तेल कंपनियों के लिए राहत की बात ये है कि कच्चे तेल के दामों में गिरावट के बाद उनपर दाम बढ़ाने का दबाव नहीं पड़ेगा और उनके मार्जिन में भी सुधार देखने को मिलेगा. वैसे ही लोकसबा चुनाव के तारीखों के एलान के ठीक पहले इन कंपनियों को पेट्रोल डीजल के दामों में 2 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करनी पड़ी थी.