गर्मी आते ही आम का सीजन शुरू हो गया है इसलिए बाजार और मंडियों में आम की कई वैरायटी आने लगी है. कोई 100 रुपये किलो बिक रहा है
आम की इस वैरायटी के सिर्फ 3 ही पेड़ हैं इसलिए महंगा होने के साथ-साथ यह दुर्लभ और अनोखा आम भी है.
गर्मी आते ही आम का सीजन शुरू हो गया है इसलिए बाजार और मंडियों में आम की कई वैरायटी आने लगी है. कोई 100 रुपये किलो बिक रहा है तो कोई 200 रुपये किलो. देश और दुनिया में आम की कई किस्में हैं. भारत में मुख्य रूप से अल्फांजो और हापुस सबसे मशहूर और महंगे आम हैं. इसके अलावा, बादाम, दशहरी, तोतापरी और लंगड़ा समेत आम की कई वैरायटी हैं. लेकिन, क्या आप भारत के सबसे महंगे आम के बारे में जानते हैं. सबसे हैरान करने वाली बात है कि आम की इस वैरायटी के सिर्फ 3 ही पेड़ हैं इसलिए महंगा होने के साथ-साथ यह दुर्लभ और अनोखा आम भी है. अगर आप इसकी कीमत के बारे में सुनेंगे तो चौक जाएंगे.बाजार में जहां आम किलो के भाव बिकते हैं. वहीं, यह खास आम प्रति नग के हिसाब से बेचा जाता है. इस एक आम की कीमत, किलो के भाव से बिकने वाले आमों से कई गुना ज्यादा है. आपको बताते हैं भारत के इस महंगे और रसीले आम के बारे में भारत के इस सबसे महंगे आम की खेती देश के दिल यानी मध्य प्रदेश में होती है. यह मैंगो किलो के भाव नहीं बिकता है. इस वैरायटी के एक आम की कीमत 1,200 रुपये है. यह स्पेशल आम एमपी के अलीराजपुर में उगाया जाता है. हैरान करने वाली बात है कि यहां इस आम के सिर्फ 3 ही पेड़ हैं.
भोपाल में पिछले साल आयोजित मैंगो फेस्टिवल में आम की कई किस्मों को रखा गया था. इनमें सुंदरजा, चौसा, लंगड़ा, दशहरी, मल्लिका और आम्रपाली आम शामिल थे. इसी प्रदर्शनी में अलीराजपुर में होने वाले नूरजहां आम को भी प्रदर्शनी के लिए रखा गया था. अलीराजपुर के कट्ठीवाड़ा से आए रुमाल बघेल ने न्यूज 18 को इस आम के बारे में बताया. इसमें उन्होंने कहा कि इस आम का वजन 2 किलो है. इस आम का नाम नूरजहां है. यह आम मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश का अनोखा आम है.नूरजहां आम, एमपी के अलावा पूरे देश में कहीं नहीं पाया जाता है. इस आम के उत्पादक रुमाल बघेल ने बताया कि हमारे यहां साल में सिर्फ 100 आम की पैदावार होती है. इस आम को खरीदने के लिए मुंबई, दिल्ली सहित कई बड़े शहरों से डिमांड आती है. रुमाल बघेल के अनुसार, नूरजहां आम की पैदावार अफगानिस्तान में हुई थी.र्ष 1577 से 1645 के दौरान जब इसे भारत लाया गया तो मल्लिका नूरजहां के नाम पर इस आम का नाम पड़ा थ. इस आम के कुछ पौधों को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर लाया गया था. तब से नूरजहां आम की पैदावार यहां होने लगी है. पूरे देश में नूरजहां किस्म के आम के मात्र तीन ही पेड़ बचे हैं.