व्लादिमीर पुतिन ने 7 मई को क्रेमिलिन पैलेस में 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति पद की शपथ ली.
साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे. अब 2024 में राष्ट्रपति बनने के बाद साल 2030 तक पुतिन रूस पर शासन करेंगे
व्लादिमीर पुतिन ने 7 मई को क्रेमिलिन पैलेस में 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति पद की शपथ ली. पुतिन पहली बार साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे. अब 2024 में राष्ट्रपति बनने के बाद साल 2030 तक पुतिन रूस पर शासन करेंगे. ऐसे में पुतिन रूस पर सब लंबे समय तक शासन करने वाले राष्ट्रपति बन जाएंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि पुतिन क्या दुनिया के सबसे पावरफुल लीडर हैं? पुतिन के मुकाबले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कितने ताकतवर है अगर सबसे लंबे समय तक सत्ता पर काबिज रहने के आधार पर तुलना की जाए तो इस मामले में पुतिन पहले स्थान पर हैं, दूसरे स्थान पर शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री मोदी तीसरे स्थान पर हैं. क्योंकि पुतिन पिछले 20 साल से सत्ता पर काबिज हैं, वहीं शी जिनपिंग 11 साल और प्रधानमंत्री मोदी 10 साल से सत्ता में हैं. जो बाइडेन महज 4 साल से सत्ता में हैं. हालांकि पुतिन पर आरोप है कि वह रूस में निष्पक्ष चुनाव नहीं होने देते हैं. मार्च महीने में चुनाव से ठीक पहले पुतिन के घोर विरोधी अलेक्सी नवलनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी.
पुतिन पर हैं गंभीर आरोप
वहीं चीन में एक ही पार्टी की हुकूमत है, साल 2013 से शी जिनपिंग लगातार कम्युनिष्ट पार्टी के नेता चुने जा रहे हैं. दूसरी तरफ भारत में मल्टी पार्टी सिस्टम है. यहां पिछले 10 साल से सत्ता में रहने के दौरान नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ी चुनौती विपक्षी नेता राहुल गांधी से मिलती है. जेएनयू में रसियन स्टडीज के प्रोफेसर राजन कुमार का मानना है कि पुतिन दुनिया के सबसे पावरफुल लीडर नहीं हैं. उनका कहना है कि मिलिट्री पावर के तौर पर रूस एक बड़ा देश है, लेकिन पुतिन पूरी मीडिया को कंट्रोल में रखते हैं. वह ऐसे लीडर को अधिक पावरफुल मानते हैं, जो लोकतांत्रिक तरीके से जनता की वोट से चुनकर सत्ता में आते हैं.
परमाणु हथियार के मामले में रूस आगे
इकोनॉमी दृष्टि से तुलना की जाए तो अमेरिकी नेता जो बाइडेन सबसे ताकतवर हैं, इस मामले में रूस काफी पीछे है. ग्लोबल फायर इंडेक्स के मुताबिक सबसे पॉवरफुल आर्मी अमेरिका के पास है, जबकि परमाणु हथियार के मामले में रूस सबसे आगे है. क्योंकि रूस के पास 4,489 परमाणु हथियार हैं, जबकि अमेरिका के पास 3,708 परमाणु हथियार हैं. वहीं सैनिकों की संख्या की बात करें तो इस मामले में भारत सबसे ताकतवर है, क्योंकि भारत के पास 51 लाख से अधिक सेना है. दूसरी तरफ अमेरिका के पास 21 लाख, पुतिन के पास 35 लाख और जिनपिंग के पास 31 लाख सैनिक हैं.
फैन फॉलोइंग के मामले में मोदी टॉप
सोशल मीडिया फैंस फॉलोइंग की बात करें तो इस मामले में भारत के प्रधानमंत्री का कोई मुकाबला नहीं है. फेसबुक पर मोदी के 4.9 करोड़ फॉलोवर हैं और एक्सपर 9.75 करोड़ फॉलोवर हैं. इस मामले में दुनिया के सभी नेता काफी पीछे हैं. पुतिन के एक्स हैंडल पर महज 19 लाख फॉलोवर हैं, जबकि फेसबुक पर अकाउंट ही नहीं है. वहीं जो बाइडेन के एक्स पर 3.8 करोड़ फॉलोवर हैं और फेसबुक पर 1.1 करोड़ फॉलोवर हैं.