हाथरस में लंबे समय से चुनाव को लेकर चल रही कशमकश पर अब विराम लग चुका है
10 प्रत्याशियों में से तीन प्रत्याशियों की साख दांव पर लगी हुई है.हाथरस लोकसभा में 19 लाख के लगभग मतदाता है
हाथरस में लंबे समय से चुनाव को लेकर चल रही कशमकश पर अब विराम लग चुका है जहां एक ओर प्रशासन के द्वारा भी लंबे समय से तैयारी की जा रही थी जिससे लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराया जा सके. वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव को लेकर अब 10 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद होने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली गई है. 10 प्रत्याशियों में से तीन प्रत्याशियों की साख दांव पर लगी हुई है.हाथरस लोकसभा में 19 लाख के लगभग मतदाता है जो मताधिकार का प्रयोग प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करते हैं. भारतीय जनता पार्टी की ओर से राजस्व मंत्री व खैर विधानसभा के विधायक अनूप बाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने जसवीर वाल्मीकि को उम्मीदवार घोषित किया है तो बसपा की तरफ से हेमबाबू सिंह धनगर चुनावी मैदान में है. इनके अलावा चुनाव मैदान मे 7 प्रत्याशी निर्दलीय है जिसमें से एक निर्दल प्रत्याशी को राष्ट्रीय सर्वण परिषद दल का समर्थन प्राप्त है. इसलिए चौथे प्रत्याशी को भी कम नहीं आंका जा सकता है. अब सभी प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है.
कब अस्तित्व में आया हाथरस जिला?
हाथरस जिले में तीसरे चरण में 7 मई को चुनाव हुए मतदान में 10 प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में रह गए. अगर बात लोकसभा हाथरस के सियासत की कही जाए तो यहाँ 23 साल में छह लाख जिले की जनसंख्या में इजाफा हुआ. हाथरस को जिला 3 मई 1997 में बनाया गया था. 19 लाख के लगभग वोटर लोकसभा हाथरस में है, फिलहाल अगर बात चुनावी मुद्दों की कहें तो यहां जिस हिसाब से जनसंख्या में इजाफा हुआ है. उस हिसाब से हाथरस लोकसभा क्षेत्र में विकास कार्य इतने नहीं हुए हैं शहर को छोड़कर देहात क्षेत्र आज भी विकास से पिछड़ा हुआ नजर आता है.व्यापार की अगर बात की जाए तो व्यापार क्षेत्र में लोकसभा हाथरस का अच्छा दबदबा है लेकिन अन्य मामलों में लोकसभा हाथरस आज भी पीछे है और निगाहें लगाकर अपने अस्तित्व को विकासशील बनाने की उम्मीद लगा रहा है. वहीं मतादाताओं ने विकास और बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर अबकी बार मताधिकार का प्रयोग करने की बात कही है. लोकसभा चुनाव में मतदान होने के बाद मतदाता उत्साहित नजर आए. मतदाताओं ने अलग- अलग मुद्दों को लेकर मतदान किया है. हाथरस में प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है अब देखना होगा 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्ता की सियासत पर कौन विराजमान होगा. हाथरस में शाम 5 बजे तक 53.54 प्रतिशत मतदान रहा है