अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह रोकने के लिए शासन-प्रशासन प्रतिबद्ध
संभ्रांत नागरिक एवं प्रबुद्धजन बाल विवाह होने पर उपलब्ध कराएं सूचना
अलीगढ़ 09 मई 2024 (सू0वि0): मा0 राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार एवं शासन की मंशा के अनुरूप जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने बालक-बालिकाओं के सर्वाेत्तम हित को दृष्टिगत रखते हुये अक्षय तृतीया के अवसर पर 10 मई को जिले के सभी प्रबुद्धजनों व नागरिकों से अपील की है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत बाल विवाह करना, कराना कानूनी अपराध है।उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसके बाल विवाह के सम्पन्न होने की जानकारी या शंका हो, वह अपने इलाके की पुलिस, (चाइल्ड हेल्पलाइन नं0 1098) (महिला हेल्पलाइन नं0 181), (पुलिस हेल्पलाइन न0 112) और जिलाधिकारी को लिखित या मौखिक रूप से सूचित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वह लड़की जिसने 18 वर्ष की आयु पूर्ण न की हो एवं वह लड़का जिसने 21 वर्ष की आयु पूर्ण न की हो. और विवाह करते हैं या परिवारजनों तथा रिश्तेदारों द्वारा करवाया जाता है वह बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत कानूनी अपराध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे विवाह करवाने वाले व्यक्तियों जैसे- पण्डित, मौलवी, पादरी, पिता एवं रिश्तेदार, दोस्त (धारा-10) .बाल विवाह को सहमति देना, बढ़ावा देना या शामिल होना (धारा-11) दण्ड- 2 साल तक का कठोर कारावास या 01 लाख रूपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।