देव आनंद फिल्म इंडस्ट्री के वो एक्टर हैं जिन पर उस दौर की लड़कियां मरती थीं. उनका स्टारडम राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, दिलीप कुमार से कम नहीं था
फिल्म का नाम 'गाइड' है और चलिए इससे जुड़े कुछ किस्से आपको बताते हैं.
देव आनंद फिल्म इंडस्ट्री के वो एक्टर हैं जिन पर उस दौर की लड़कियां मरती थीं. उनका स्टारडम राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, दिलीप कुमार से कम नहीं था. देव आनंद का अंदाज सबसे अलग था और आज भी उनका अंदाज युवा फॉलो करते हैं. देव आनंद की फिल्मों के गाने आज भी पसंद किए जाते हैं. उन्हें हमेशा अपनी सिलेक्ट की हुई स्क्रिप्ट पर भरोसा रहता था.ऐसी ही एक फिल्म के लिए स्क्रिप्ट उनके पास आई था जिसे उन्होंने करने का फैसला लिया. आपको जानकर हैरानी होगी उस फिल्म में कोई भी फाइनेंसर पैसा नहीं लगाना चाहता था क्योंकि सबको लगता था कि ये फिल्म कमाल नहीं कर पाएगी. उस फिल्म का नाम ‘गाइड’ है और चलिए इससे जुड़े कुछ किस्से आपको बताते हैं.
देव आनंद की फिल्म ‘गाइड’ ने तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड देव आनंद के दो भाई थे जिनके नाम चेतन आनंद और विजय आनंद था. इनमें से चेतन आनंद फिल्म डायरेक्टर और प्रोड्यूसर दोनों थे जबकि विजय आनंद सिर्फ फिल्मों का निर्देशन करते थे. देव आनंद के पास जब उनके भाई फिल्म गाइड की स्क्रिप्ट लेकर आए तो उन्हें ये पसंद आई लेकिन इसमें पैसा लगाने वालों को स्क्रिप्ट में कुछ खास नहीं लगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देव आनंद ने कुछ फाइनेंसर्स को राजी किया और फिल्म 1965 में बनकर तैयार हुई.5 फरवरी 1965 को फिल्म गाइड का प्रीमियर मुंबई में रखा गया जिसमें आए तमाम फिल्ममेकर्स को इस फिल्म से निराशा हुई. उन्होने उस समय कह दिया था कि ये फिल्म कमाल नहीं कर पाएगी. लेकिन देव आनंद को विश्वास था कि ये फिल्म हिट होगी. 6 फरवरी को फिल्म रिलीज हुई और हाउसफुल गई. कुछ दिनों के बाद इसका कलेक्शन गिरने लगा तो देव आनंद को भी लगा कि शायद उन्हें सबकी बात मान लेनी चाहिए थी.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देव आनंद काफी निराश हो गए थे लेकिन अचानक कलेक्शन में इजाफा हुआ. बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म गाइड (1965) का बजट 50 लाख रुपये के आस-पास था लेकिन इसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 1.75 करोड़ रुपये हुआ और ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई. इतना ही नहीं फिल्म के गाने खूब फेमस हुए, फिल्म ने 7 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स भी जीते.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म गाइड को ऑस्कर में ऑफिशियल एंट्री भी मिली. देव आनंद के विश्वास को मेकर्स का सलाम रहा और फिर जो उनकी लोकप्रियता दोगुनी हुई वो उस दौर में देखने को मिलता था. देव आनंद के घर के बाहर प्रोड्यूसर्स की लाइन रहती थी बस उनसे एक फिल्म साइन कराने के लिए और उन्हें उस दौर का सुपरस्टार कहा जाए तो गलत नहीं होगा.