अलीगढ़

अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) में तैनात संपत्ति लिपिक ने  एलआईजी, ईडब्ल्यूएस आवास समेत करीब 14 संपत्तियों को फर्जी

पूर्व संपत्ति लिपिक सतीश कुमार ने वर्ष 2011 व अन्य वर्षों में स्वयं व अपने भाई-भाभी व गैर जनपद निवासी अन्य रिश्तेदारों के नाम से आवासों का आवंटन पत्रावली में करा दिया

अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) में तैनात संपत्ति लिपिक ने  एलआईजी, ईडब्ल्यूएस आवास समेत करीब 14 संपत्तियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने रिश्तेदारों को आवंटित कर दिया। इसका खुलासा एडीए की अनिस्तारित संपत्तियों की जांच में हुआ है। अब इस मामले में पूर्व संम्पत्ति लिपिक सहित छह लोगों के खिलाफ थाना क्वार्सी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एडीए उपाध्यक्ष अर्पूवा दुबे ने बताया कि उन्होंने बीते दिनों एडीए की संपत्ति का रिकार्ड निकलवाया था। इस दौरान कई संपत्तियों की पत्रावलियां ही गायब मिलीं। कई ऐसी फाइलें भी सामने आईं, जिसमें पॉश इलाके स्वर्ण जयंती नगर में अलग-अलग श्रेणी के आवास एवं प्लॉटों का आवंटन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियम विरूद्ध किया गया था। पूर्व संपत्ति लिपिक सतीश कुमार ने वर्ष 2011 व अन्य वर्षों में स्वयं व अपने भाई-भाभी व गैर जनपद निवासी अन्य रिश्तेदारों के नाम से आवासों का आवंटन पत्रावली में करा दिया है। कुछ अपात्रों को भी आवास देने की बात सामने आई है। सभी बैनामों में परिवार के सदस्यों को ही गवाह बनाया है। इस मामले में एडीए के वर्तमान संपत्ति लिपिक सुमित कुमार ने थाना क्वार्सी में सरकारी कर्मचारी होने के बाद भी अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर फर्जी एवं कूटरचित तरीके से सरकारी संपत्तियों के बैनामे कराने, पद के दुरुपयोग, धोखाधड़ी एवं अमानत में खयानत, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें पूर्व संपत्ति लिपिक सतीश कुमार निवासी मानसरोवर कॉलोनी, आरती मार्बल शॉप, थाना क्वार्सी, रिश्तेदार निरंकार प्रसाद सिंह, सतीश के भाई की पत्नी नाम पता अज्ञात, रामेश्वर, सत्यवीर सिंह व मोहित कुमार समेत छह लोगों को नामजद कराया है।

एक ही दिन में पहले रिश्तेदार फिर भाभी के नाम कराया बैनामाएडीए कर्मी ने संपत्तियों के आवंटन में बड़ा खेल किया। लेआउट में शामिल नहीं प्लाट को भी रिश्तेदार के नाम पर कर दिया। एक संपत्ति का बैनामा पहले रिश्तेदार के नाम हुआ, उसके बाद उसी दिन उसे भाई की पत्नी के नाम कर दिया गया। पात्रों को संपत्ति नहीं मिली और वह अपात्र रिश्तेदारों को मकान और प्लाट आवंटित कराता रहा।जांच में पाया गया कि लिपिक के रिश्तेदार निरंकार प्रसाद सिंह को भूखंड एलआईजी-18 आवंटित किया गया, जबकि अवर अभियन्ता की जांच में पाया गया कि भूखंड एलआईजी-18 ले-आउट में शामिल ही नहीं है। निरंकार सिंह को भूखंड संख्या-37 कार्नर का भूखंड आवंटित किया, जिसकी 06 नवंबर 2013 को प्राधिकरण ने रजिस्ट्री कर दी। उसी दिन उसी भूखंड की रजिस्ट्री सतीश कुमार के भाई की पत्नी के पक्ष में कर दी गई। स्वर्ण जयंती नगर भवन संख्या-35 लॉटरी के माध्यम से सतीश कुमार के भाई रामेश्वर दयाल को वर्ष 2011 में आवंटित हुआ। रामेश्वर दयाल ईडब्ल्यूएस के तहत भूखंड प्राप्त करने के पात्र नहीं है। उन्हें हाईवे के किनारे की जमीन का 90 के दशक में मुआवजा मिला भी मिला था। इसके बाद भी इनके नाम पर ईडब्ल्यूएस मकान आवंटित हो गया।

सपा नेता समेत पर मुकदमा

एडीए के संपत्ति लिपिक सुमित कुमार की ओर से स्वर्ण जयंती आवासीय योजना में शामिल भूखंड को फर्जी तरीके से बेचने के मामले में दो लोगों के और खिलाफ थाना क्वार्सी में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर भूखंड का बैनामा किया गया है। आरोप है कि सासनीगेट के जयगंज स्थित ग्वालरा की सराय निवासी एवं सपा नेता शिशुपाल सिंह यादव ने 15 जून 2008 को गाटा संख्या 278, भूखंड संख्या एन- 07 का बैनामा रीता सिंह के पक्ष में किया था। यह भूखंड स्वर्ण जयंती आवासीय योजना में शामिल है। इस पर एडीए को स्वामित्व प्राप्त है, लेकिन शिशुपाल ने बिना स्वामित्व के कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बैनामा किया है। आरोप है कि आर्थिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से शिशुपाल ने जालसाजी की है, जिससे अलीगढ़ विकास प्राधिकरण को आर्थिक नुकसान हुआ है। एडीए यदि इस तरह के अन्य प्रकरणों में जांच कराए तो कई विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों की गर्दन फंस सकती है। सत्यवीर सिंह को ईडब्ल्यूएस-25 गलत तरीके से आवंटित किया, यह भी सतीश कुमार के परिवार के सदस्य हैं। ईडब्ल्यूएस भवन संख्या 61ए मोहित कुमार को 2011 में अवंटित हुआ जो सतीश कुमार के रिश्ते में साले हैं। मोहित कुमार ईडब्ल्यूएस के भवन प्राप्त करने के पात्र नहीं है और हाथरस के रहने वाले हैं। योजना में जनपद का निवासी ही पात्र हो सकता है।  ईडब्ल्यूएस में नियम विरूद्ध हाथरस जनपद निवासी मोहित कुमार के नाम भी आवंटित किया गया है।
मानव कल्याण समिति से तत्कालीन समय में भूखंड मिला था। 20 साल इस पर मुकदमा भी चला। समिति से भी इसका फैसला हुआ था। समिति व एडीए द्वारा सहयोग नहीं किया गया। दोनों के द्वारा प्लॉट धारकों को परेशान किया गया है, हमारा पक्ष पूर्ण रूप से साफ है। एडीए को यह जमीन विकसित करने के लिए मिली थी, यह गलत तरीके से बेच दी गई है, इसकी भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
शिशुपाल सिंह यादव, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष
एडीए की अनिस्तारित संपत्तियों को निस्तारित करने के लिए पिछले दिनों जांच करायी गई थी। जिसमें पूर्व संपत्ति लिपिक सतीश कुमार की भूमिका संदिग्ध मिली है। जिन्होंने अपने, परिजनों व रिश्तेदारों के नाम सरकारी संपत्तियों का फर्जी तरीके से बैनामा करा लिया गया है। लिपिक सतीश कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की संपत्ति को फर्जी तरीके से आवंटन कराया गया है। इस मामले में पूर्व लिपिक सतीश कुमार की मिलीभगत सामने आयी है। इस पूरे प्रकरण में दो अलग-अलग मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें एक पूर्व संम्पत्ति लिपिक सतीश समेत छह एवं दूसरे मुकदमे में शिशुपाल आदि समेत दो को नामजद कराते हुए थाना क्वार्सी में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपी सतीश के खिलाफ अलग से विभागीय कार्रवाई की भी संस्तुति की गई है। – अपूर्वा दुबे, उपाध्यक्ष, अलीगढ़ विकास प्राधिकरण

JNS News 24

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