25 मई के मतदान के दौरान महिला अधिकारियों की मदद से ‘बुर्का’ या फेस मास्क पहनने वाली महिला मतदाताओं की पहचान की मांग की.
दिल्ली बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की
दिल्ली बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की. उन्होंने 25 मई के मतदान के दौरान महिला अधिकारियों की मदद से ‘बुर्का’ या फेस मास्क पहनने वाली महिला मतदाताओं की पहचान की मांग की. प्रतिनिधिमंडल की तरफ से कहा गया कि यह कदम असामाजिक और अलोकतांत्रिक तत्वों को राष्ट्रीय राजधानी की सात लोकसभा सीटों पर चुनाव में धांधली करने से रोकेगा.
बुर्का पहनी महिलाओं की पहचान के लिए सीईओ को ज्ञापन
बता दें कि बीजेपी प्रतिनिधिमंडल की मांग की उस समय सामने आई है जब हैदराबाद से बीजेपी उम्मीदवार माधवी लता पर चुनाव अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर ‘बुर्का’ पहनी महिलाओं की पहचान के लिए उनका बुर्का हटवाकर उनके चेहरे का आईडी से मिलान किया गया. दिल्ली भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने 25 मई को मतदान के दिन ‘बुर्का’ पहने महिला मतदाताओं की पहचान के लिए दिल्ली सीईओ को एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें कहा गया है कि महिलाएं बुर्का या फेस मास्क पहनकर मतदान करने आती हैं, उनकी पूरी तरीके से पहचान के बाद ही मतदान की अनुमति दी जानी चाहिए. महिला पदाधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल की मांग की जिसमें बीजेपी विधायक अजय महावर और मोहन सिंह बिष्ट, राज्य सचिव किशन शर्मा और वकील नीरज गुप्ता शामिल थे.
मतदान केंद्रों पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने की मांग
बीजेपी विधायक अजय महावर ने कहा कि किसी भी प्रकार की फर्जी वोटिंग न हो, इसके लिए कदम उठाए जाएं. दिल्ली चुनाव निकाय को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, ईसीआई के नियमों के अनुसार, हम अनुरोध करते हैं कि आप बुर्का पहने मतदाताओं की पहचान को सत्यापित और क्रॉस-चेक करने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर पर्याप्त महिला मतदान अधिकारियों और महिला सुरक्षा कर्मियों को तैनात करें. इसमें कहा गया है कि व्यापक जनहित को देखते हुए भी इस कदम का अनुरोध किया जाता है, खासकर ऐसे संसदीय क्षेत्रों में जहां ‘बुर्का-पहने’ महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है. बड़ी संख्या में बुर्का पहने महिलाएं मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर आती हैं.
ज्ञापन में कहा गया है कि इसलिए फर्जी मतदान को रोकने के लिए वोट डालने के लिए उचित सरकारी-शासित पहचान पत्रों के माध्यम से उनकी पहचान को सत्यापित करने की आवश्यकता है. इसमें कहा गया है कि चुनाव के पीठासीन अधिकारियों के लिए चुनाव आयोग की हैंडबुक में मतदाता की पहचान सत्यापित करने के लिए उनके द्वारा अपनाए जाने वाले कदमों का भी विवरण दिया गया है.