शिक्षा

विश्वविद्यालय का “कंप्यूटर साइंस” विभाग मशीन लर्निंग के जरिए संवाद नाम से एक ऐसा सॉफ्टवेयर और एक ऐसा मोबाइल एप तैयार करने जा रहा है,

मूकबधिर विद्यार्थी अपनी सांकेतिक भाषा यानी कि साइन लैंग्वेज में बात करेगा तो सामान विद्यार्थी के मोबाइल ऐप पर उसकी बात हिंदी या अंग्रेजी में पता चल जाएगी

डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय अपने विश्वविद्यालय के सामान्य विद्यार्थियों और मूक बधिर विद्यार्थियों के बीच में आसानी से संवाद करने के लिए एक बड़ी शुरुआत करने जा रहा है. विश्वविद्यालय का “कंप्यूटर साइंस” विभाग मशीन लर्निंग के जरिए संवाद नाम से एक ऐसा सॉफ्टवेयर और एक ऐसा मोबाइल एप तैयार करने जा रहा है, जिससे सामान्य विद्यार्थी और मूकबधिर विद्यार्थी अपने स्मार्टफोन से एक दूसरे से आसानी से संवाद कर सकते हैं.जानकारी के मुताबिक जब सामान्य विद्यार्थी अपने स्मार्टफोन में इस “संवाद एप” को डाउनलोड करेंगे और इसे ऑन करने पर अपने मूकबधिर साथी के साथ संवाद करेंगे तो आसानी से दोनों एक दूसरे की बात समझ जायेंगे. जब मूकबधिर विद्यार्थी अपनी सांकेतिक भाषा यानी कि साइन लैंग्वेज में बात करेगा तो सामान विद्यार्थी के मोबाइल ऐप पर उसकी बात हिंदी या अंग्रेजी में पता चल जाएगी और जब सामान विद्यार्थी अपनी बात को रखेगा तो उस एप के माध्यम से सामने वाले विद्यार्थी के फोन पर वाक्य साइन लैंग्वेज में बदल जाएगा, जिससे दोनों एक दूसरे से आसानी से संवाद कर सकेंगे.

हरी झंडी मिलते ही एप होगा काम  डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग के समन्वयक डॉक्टर देवेश कटियार ने कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह के सामने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि उत्तर प्रदेश काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को यह शोध प्रस्ताव अनुमोदन के लिए भेजा गया है. मंजूरी मिलते ही इस पर कार्य शुरू हो जाएगा, जिससे कि उनके विद्यालय में छात्र एक दूसरे की बातों को आसानी से समझ सकेंगे.

मूक बधिर बच्चों की जिंदगी हुई आसान  बता दें कि मूक बधिर बच्चे सून और बोल नहीं सकते हैं, लेकिन ये भावनाओं को बखूबी समझ सकते हैं. ये प्रतिभा संपन्न होने के साथ-साथ समझदार भी होते हैं. आज के दौर में मोबाइल फोन और सॉफ्टवेयर ने इनकी जिंदगी को आसान बना दिया है. अब ये सामान्य बच्चों के साथ जिंदगी की रेस में शामिल हो रहे हैं और अब इनकी जिंदगी और आसान होने वाली है. ये काम संवाद एप के जरिए होगा. इस एप के जरिए ये मूक बधिर बच्चे सामान्य बच्चों‌ से भी आसानी से बात कर सकते हैं. 

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!