चुनाव के रुझान सामने आना शुरू हुए और इंडिया गठबंधन तेजी से आगे की ओर बढ़ता दिखाई उसके साथ ही शेयर मार्केट में हाहाकार मच गया
सेंसेक्ट और निफ्टी कई अंक नीचे आ गिरा, जिसमें देश के लाखों लोगों के लाखों करोड़ रुपये डूब गए. लखनऊ के लोगों के भी कई हजार को करोड़ का नुकसान
लोकसभा चुनाव के नतीजों का सीधा असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है. चुनाव के रुझान सामने आना शुरू हुए और इंडिया गठबंधन तेजी से आगे की ओर बढ़ता दिखाई उसके साथ ही शेयर मार्केट में हाहाकार मच गया. हुआ है नतीजों में जिस तरह के आंकड़े सामने आए हैं उसमें किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में देश में एक बार फिर से गठबंधन सरकार का दौर लौट आया है. इसकी आहट के साथ ही शेयर मार्केट धड़ाम से नीचे गिर गया. इसका असर लखनऊ के उन लोगों को पर भी पड़ा है जिन्होंने बाजार में निवेश किया था. मंगलवार को आई गिरावट के बाद लखनऊ वालों के करीब 7600 करोड़ डूब गए.
नतीजों के बाद शेयर मार्केट गिरा धड़ाम
मंगलवार को शेयर मार्केट में करीब 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई थी. इनमें कई सरकारी बैंक, पावर, डिफेंस आदि सेक्टरों के शेयर में खासी गिरावट दर्ज की गई. मार्केट के गिरने से लखनऊ के लोगों को भी करारा झटका लगा है. उनकी मेहनत की कमाई एक झटके में डूब गई. इससे पहले सातवें चरण की वोटिंग के बाद एग्जिट पोल में मोदी सरकार की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनने का अनुमान लगाया गया था. जिसके बाद सोमवार को जब शेयर बाजार खुला तो एग्जिट पोल का असर दिखाई दिया. शेयर मार्केट देश में स्थिर और पूर्ण बहुमत की सरकार की उम्मीद के साथ तेजी के साथ खुला और नए आयाम छूता दिखाई दिया. लेकिन, अगले ही दिन जब ईवीएम खुला तो एग्जिट पोल के दावे भी हवा हो गए.
अखिलेश यादव ने भी दी थी चेतावनी
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल पर इसी तरह की प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि एग्जिट पोल में बीजेपी के ज़्यादा नंबर इसलिए दिखाए जा रहे हैं ताकि सोमवार को शेयर मार्केट तेजी के साथ खुले और जिन भाजपाईयों ने पैसे लगाए है वो लाभ लेकर निकल सके.