समाजवादी पार्टी से विधायक इरफान सोलंकी पर सात नंबर भारी पड़ता नजर आ रहा
कानपुर में एक बुजुर्ग महिला के घर पर कब्जा करने के इरादे से आगजनी के मामले में इरफान सोलंकी और उनके भाई और तीन अन्य साथियों को कोर्ट ने सात जून को सात साल की सजा सुना दी
समाजवादी पार्टी से विधायक इरफान सोलंकी पर सात नंबर भारी पड़ता नजर आ रहा है. कानपुर में एक बुजुर्ग महिला के घर पर कब्जा करने के इरादे से आगजनी के मामले में इरफान सोलंकी और उनके भाई और तीन अन्य साथियों को कोर्ट ने सात जून को सात साल की सजा सुना दी है. यहां ये बात ध्यान रखने वाली है कि जिस मामले में उन्हें ये सजा सुनाई गई है वो घटना भी सात तारीख को ही हुई थी.कोर्ट के इस फैसले के बाद इरफान सोलंकी की विधायकी जा सकती है. वहीं इरफान सोलंकी के वकील ने फ़ैसले पर सवाल उठाए हैं और सरकार की दमनकारी नीति और पुलिस पर उनके खिलाफ गलत साक्ष्य गढ़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वो इस फैसले के विरुद्ध ऊपर की अदालत में अपील करेंगे.
सपा विधायक को भारी पड़ा 7 का सत्ता सपा विधायक को जिस आगजनी के मामले में सजा सुनाई गई है वो घटना 7 नवंबर 2022 को ही घटित हुई थी. दो साल बाद 7 जून को इस मामले पर कोर्ट का जजमेंट आया और कोर्ट ने सात जून को इस मुकदमे में सपा विधायक को 7 साल की सजा सुनाई है. इरफान सोलंकी अलावा उनके भाई और तीन अन्य लोगों इस मामले में सजा दी गई है. लेकिन जिस तरह से इस पूरी मामले में सात नंबर प्रमुख रुप से सामने आया है उसके बाद ये कहा जा रहा है कि 7 नंबर का ये आंकड़ा विधायक इरफान सोलंकी पर भारी पड़ गया है. इसे इत्तेफाक कहें या कुछ लेकिन, आंकड़ों की मानें तो 7 नंबर विधायक के लिए नुकसानदायक दिखाई दे रहा है. क्योंकि घटना से लेकर फैसला और सजा सभी से सात नंबर जुड़ा है. सपा विधायक को सात साल की सजा के बाद उनकी विधायकी और राजनैतिक भविष्य पर ग्रहण लगता दिख रहा है. जिस पर उनके वकील शिवाकांत का कहा है की इरफान के साथ हुए फैसले पर सरकार की दमनकारी भूमिका रही है जिसके चलते सरकार के दबाव में पुलिस ने गलत साक्ष्य गढ़े हैं और अदालत को गुमराह किया है इस फैसले को उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी.