यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालयों को विदेशी यूनिवर्सिटियों की तरह ही साल में दो बार दाखिले लेने को लेकर मंजूरी दे दी
दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कुछ और संस्थानों ने इसे अपनाने का निर्णय लिया
यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालयों को विदेशी यूनिवर्सिटियों की तरह ही साल में दो बार दाखिले लेने को लेकर मंजूरी दे दी थी. जिसके बाद राजधानी दिल्ली के दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कुछ और संस्थानों ने इसे अपनाने का निर्णय लिया है. अब स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन संस्थानों में दाखिले के लिए वर्ष में दो बार अप्लाई कर पाएंगे.दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश सिंह का कहना है कि कुछ बाधाओं को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने अगले शैक्षणिक सेशन से कुछ कोर्स में प्रायोगिक परियोजना के साथ साल में दो बार प्रवेश प्रणाली लागू करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स के हित में यूजीसी की तरफ से ये एक अच्छी पहल है. मगर अभी इसे पूरी तरह से लागू करने में टाइम लगेगा. दरअसल, विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या के लिए जगह बनाने के लिए ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्टर की जरूरत होगी.कुलपति ने का कहना है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए दाखिले पहले ही शुरू हो गए हैं. इसलिए इस साल से ये प्रणाली लागू नहीं की जा पाएगी. शुरुआत में कुछ कोर्स के लिए प्रायोगिक परियोजना के तौर पर इसे अपनाएंगे. फिर बाद में अन्य प्रोग्राम के लिए फैसला लिया जाएगा.
जामिया मिलिया इस्लामिया समेत अन्य विश्वविद्यालय भी कर रहे विचार
जबकि जामिया मिलिया इस्लामिया की ओर से इस प्रणाली को लागू करने के लिए वैधानिक निकायों से मंजूरी की प्रतीक्षा है. जामिया के कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद शकील ने कहा है कि अगर आवश्यक मंजूरी मिल जाती है तो संस्थान पीएचडी एडमिशन के लिए इस विकल्प को अपना सकता है. वीसी ने कहा कि ये मामला आगामी कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाएगा.साथ ही परिषद के सभी सदस्यों से निर्देश प्राप्त किए जाएंगे कि वर्ष में दो बार एडमिशन के संबंध में यूजीसी की गई घोषणा पर किस तरह आगे बढ़ना है. वहीं, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ (आईपी) यूनिवर्सिटी और आंबेडकर विश्वविद्यालय जैसे कई राज्य विश्वविद्यालय भी नए एडमिशन सिस्टम को अपनाने की योजना तैयार कर रहे हैं.