कड़वे प्रवचन के लिए विख्यात जैन मुनि तरुण सागर का श्री दिगम्बर जैन महासमिति ने मनाया 57 वां जन्मोत्सव
श्री पर्व सागर महाराज की प्रेरणा से श्री दिगम्बर जैन महासमिति ने बड़े ही धूमधाम से मनाया
कड़वे प्रवचन के लिए विख्यात जैन मुनि तरुण सागर का श्री दिगम्बर जैन महासमिति ने मनाया 57 वां जन्मोत्सवक्रान्तिकारी राष्ट्रसंत मुनि तरुण सागर महाराज का अवतरण दिवस उनके परम प्रभावक शिष्य क्षुल्लक श्री पर्व सागर महाराज की प्रेरणा से श्री दिगम्बर जैन महासमिति ने बड़े ही धूमधाम से मनाया।
प्रात: खिरनी गेट पर राहगीरों के लिए शरबत वितरण एवं शाम को राजेंद्र मेटल वर्क्स ,आगरा रोड पर भोजन वितरण किया गया। जन्म जयंती कार्यक्रम एवं मुनि तरुण सागर महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए राजीव जैन ने बताया कि पूरे भारत में अपनी ओजस्वी वाणी एवं कडवे प्रवचन के माध्यम से धर्म की पताका फहराते रहे। समाज में फैली कुरीतियों को उजागर करने कभी कोई कसर न छोडते हुए समस्त समाज को झकझोर कर उठाते रहे। अपने कडवे प्रवचन एवं वक्तव्यो से गुरुदेव को विरोध भी झेलना पडा लेकिन उन्होंने ने कभी इसकी परवाह नहीं की एवं समाज को जागरूक करते रहे। संत श्री तरुण सागर जी के प्रवचन में जीवन की गूढ़ से लेकर सामान्य बातों का समावेश होता था। जैसे संत श्री ने संस्कारों का महत्व बताते हुए लोगों को अगाह किया कि घर में बहू लाना, बहूरानी मत लाना, क्योंकि घर में बहू आएगी तो संस्कार लेकर आएगी लेकिन बहूरानी कार लेकर आएगी। जो संस्कार लेकर आएगी वह सिर के बल चली आएगी लेकिन जो कार लेकर आएगी वह अपनी ही सरकार चलाएगी । महाराज हमेशा कहते कि अपनी वाणी को मीठी बनाओ जिससे जीवन सुखी रहे। समाज में समरसता फैलाने वाले उनके कड़वे प्रवचन आज लोगों के बीच जीवन में मिठास घोलने का काम कर रहे हैं। मुनि तरुण सागर का कहना है कि जिंदगी में कम से कम एक बाद श्मशान में जन्मदिन मनाना चाहिए। 50 वां जन्मदिन उन्होंने श्मशान में मनाया ताकि व्यक्ति को नश्वर शरीर की असलियत का पता चल सके। इस मौके मुख्य रूप से मुनेश जैन ,मयंक जैन ,मुकेश जैन ,नीरज जैन ,यतीश जैन , संदीप जैन ,उमेश जैन ,सुनील जैन ,मधु जैन ,पूर्वी जैन मौजूद रहे।