राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने तीन ऐसे बड़े फैसले लिए
कमेटीमें तत्कालीन यूडीएच मंत्री के कार्यालय से संबंधित अधिकारियों को शामिल किया गया
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने तीन ऐसे बड़े फैसले लिए हैं, जिसका असर पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार द्वारा लिए गए फैसलों पर पड़ेगा. इसको लेकर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. भजनलाल सरकार ने प्रदेश में एकल पट्टा मामले की निष्पक्ष जांच के लिए समिति का गठन किया है. इसे समिति का गठन मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूर्व न्यायाधीश आरएस राठौड़ की अध्यक्षता में किया गया है. गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और नगरीय विकास और आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव इस समिति के सदस्य होंगे. गहलोत सरकार के कार्यकाल में एकल पट्टा मामले में हुई अनियमितताओं पर कोर्ट से मामला वापस लेने के लिए कमेटी गठित की गई थी. कमेटी में तत्कालीन यूडीएच मंत्री के कार्यालय से संबंधित अधिकारियों को शामिल किया गया था. इससे उस कमेटी की निष्पक्षता पर सवाल उठे थे. पूर्व न्यायाधीश आरएस राठौड़ की अध्यक्षता में गठित नई समिति एकल पट्टा मामले की निष्पक्ष जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट पेश करेगी.
जिलों के पुर्नगठन के लिए समिति गठित
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जिलों के पुर्नगठन के संबंध में एक समिति के गठन को मंजूरी दी है. पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी नए जिलों के पुर्नगठन के संबंध में मंत्रि मंडलीय उप-समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में जिलों का पुनर्गठन करते हुए नए जिले बनाए गए थे.राज्य सरकार द्वारा गठित नए जिलों की प्रशासनिक आवश्यकताओं, वित्तीय संसाधनों सहित अन्य बिन्दुओं पर समीक्षा का फैसला किया गया था. हाल ही में इस सन्दर्भ में मंत्रि मंडलीय उप-समिति का गठन भी किया गया है. नवगठित कमेटी मंत्रि मंडलीय उप-समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
स्वामी विवेकानन्द मॉडल स्कूलों में बड़ा फेरबदल
राज्य सरकार ने प्रदेश मे संचालित स्वामी विवेकानन्द मॉडल विद्यालयों में अब प्राइमरी स्तर की कक्षाओं का संचालन होगा. स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल विद्यालयों में प्राइमरी स्तर की कक्षाओं के संचालन के लिए करीब 10 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति प्रदान दी गई है. अध्यापन कार्य के लिए तृतीय श्रेणी अध्यापक (लेवल-प्रथम) के तीन अतिरिक्त पद प्रति विद्यालय के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है. इन पदों पर शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों का इंटरव्यू के माध्यम से प्रतिनियुक्ति की जाएगी. मुख्यमंत्री के इस फैसले से प्रदेश में संचालित 134 मॉडल विद्यालयों में प्राइमरी कक्षाओं के लिए निर्मित भवनों में अब शिक्षण कार्य सुचारू रूप से हो सकेगा.