स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की दो दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला आयोजित
जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाते हुए उनमें अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने के दिये निर्देश
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात ग्राम पंचायत सचिव, सफाईकर्मी, पंचायत सहायक एवं प्रधानों की दो दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया। यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में जिलाधिकारी विशाख जी0 ने अपने संबोधन में कहा कि हर व्यक्ति को अपनी कार्य पद्धति में स्वच्छता को अपनाना चाहिए। इस संबंध में उन्होंने गॉव-गॉव में लोगों को जागरूक करने के लिए निर्देश देते हुए कहा कि रोस्टर निर्धारित करते हुए समय से कूड़ा संग्रहण किया जाए। यदि किसी वजह से किसी एक दिन रोस्टर के अनुसार कूड़े का उठान नहीं हो पाया है तो इस संबंध में व्हाट्सएप ग्रुप या अन्य किसी माध्यम से जानकारी अवश्य दे दी जाए।उन्होंने कहा कि जिन चिन्हित ग्रामों में कूड़ा संग्रहण शुल्क लिया जा रहा है वहां एक सामान्य शिकायत रहती है कि शुल्क देने के बावजूद कूड़ा संग्रहण नियमित रूप से नहीं हो पा रहा है, इससे आपको नियमित रूप से स्वच्छता शुल्क न मिलने आर्थिक हानि होगी और स्वच्छता कार्मिकों के भुगतान व संसाधनों को बढ़ाने में असुविधा होगी, इसे आप नियमित कूड़ा उठान एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता से बेहतर कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में बैंक, होटल, ढ़ाबा जैसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों एवं ज्यादा सदस्यों वाले घरों से शत-प्रतिशत शुल्क एकत्रित किया जाए ताकि ग्राम पंचायतों के संसाधनों में वृद्धि की जा सके। उन्होंने ई-रिक्शा चार्जिंग के समुचित व्यवस्था करने के साथ ही आरआरसी सेंटर से निकलने वाले प्लास्टिक एवं अन्य उपयोगी सामानों से भी अतिरिक्त आय की संभावना के निर्देश दिये।नवाचार-स्वच्छता ऑडिट एवं जन सहभागिता से स्वच्छता के लक्ष्य की पूर्ति के लिए यूनीसेफ के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला में विकास खण्ड अकराबाद, बिजौली व गंगीरी के चिन्हित 23 ग्राम पंचायतों के प्रधान, पंचायत सचिव, पंचायत सहायक व सफाईकर्मियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।जिलाधिकारी ने कहा कि एक रूपये प्रतिदिवस के स्वच्छता शुल्क के संग्रहण से न केवल स्वच्छता के कार्यों का वित्तीय प्रबन्धन होगा बल्कि इस व्यवस्था से जन सहभागिता भी बढ़ेगी। जिलाधिकारी ने अपील करते हुए कहा कि डोर-टू-डोर कूडा संग्रहण की सुविधा से पूरी ग्राम पंचायत को आच्छादित किया जाना है और इस व्यवस्था को खण्ड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी (पं०) नियमित अनुश्रवण कर शेष सभी ग्राम पंचायतों में कियान्वित करें। यूनीसेफ के सहयोग से ठोस कूड़ा प्रबन्धन के लिए तैयार की गयी अभ्यास पुस्तिका का विमोचन भी डीएम-सीडीओ द्वारा किया गयाकार्यशाला में प्रधान, पंचायत सचिव, पंचायत सहायक व सफाई कर्मी की भूमिका व दायित्व के साथ-साथ पंचायत राज अधिनियम की धारा 15, 18, 37 पर चर्चा की गयी व सभी सहभागी को अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए लक्ष्य हासिल करने कर लिए निर्देशित किया गया। विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी (पं०) द्वारा आईसी सेल को क्रियाशील करते हुए नियमित अनुश्रवण व फॉलोअप के बारे में चर्चा की गयी। अगले दिन बुधवार को ग्राम पंचायत धनसारी में कृषि विभाग के विशेषज्ञ, रैग पिकर व जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा०) द्वारा ग्राम पंचायत धनसारी में कूडा का पृथककरण, कम्पोस्टिंग, कचरा से कंचन केन्द्र का संचालन पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसी प्रकार शेष 09 विकास खण्ड के 58 ग्राम पंचायतों के प्रधान, पंचायत सचिव, पंचायत सहायक व सफाई कर्मी को दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा व जिले में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के मानक की पूर्ति सुनिश्चित करते हुए ओडीएफ मॉडल ग्राम स्थापित किए जाएंगे।कार्यशाला में सीडीओ आकांक्षा राना समेत समस्त बीडीओ, सम्बन्धित अधिकारी एवं प्रशिक्षु उपस्थित रहे।