पूरे उत्तर प्रदेश में बिगड़ती व ध्वस्त कानून व्यवस्था, महिलाओं के प्रति बढ़ रहे
अध्यक्ष मा श्री अजय राय जी के निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किये जा रहे
पूरे उत्तर प्रदेश में बिगड़ती व ध्वस्त कानून व्यवस्था, महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध और पुलिसिया उत्पीड़न के विरोध में आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मा श्री अजय राय जी के निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं । इसी क्रम में आज अलीगढ़ जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रभारी विवेक बंसल के नेतृत्व में जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट पर कांग्रेसजनों ने माननीय राष्ट्रपति महोदया जी को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम न्यायिक श्री अखिलेश कुमार को दिया । ज्ञापन के द्वारा मांग की गई कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बिगड़े बोल, प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था व महिला उत्पीड़न के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए । इस ज्ञापन के साथ-साथ पिछले 20 दिनों के अंदर पूरे उत्तर प्रदेश में घटित हुई अपराधों की सूची भी राष्ट्रपति महोदया जी को प्रेषित की गई । इस अवसर पर विवेक बंसल ने कहा कि पिछले 7 साल से सत्ता में काबिज योगी आदित्यनाथ जी हमेशा जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। आत्ममुग्ध होकर खुद ही हर मंच से कानून व्यवस्था पर अपनी तारीफ करते नजर आते रहते हैं मगर सच्चाई इसके विपरीत है। सच यह है कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 258.1 (प्रति लाख) की काइम रेट के साथ उत्तर प्रदेश पूरे देश में जुर्म की राजधानी बन चुका है। पूरे भारत में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में 25 प्रतिशत अपराध अकेले उत्तर प्रदेश में होते हैं।
हत्या, महिलाओं का अपहरण, गैंगरेप, दहेज हत्या के मामलों में उत्तर प्रदेश पूरे भारत में नंबर एक पर है।
झांसी में चलती हुई गाड़ी में हुए बलात्कार का मामला हो, जनपद जौनपुर में मंगेश यादव के फर्जी एनकाउंटर का मामला हो, जनपद रायबरेली में अर्जुन पासी की हत्या का मामला हो या अभी हाल ही में 11 सितंबर को जनपद कानपुर में सिर काटकर महिला की हत्या का मामला हो। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। योगी जी के शासनकाल में उ०प्र० जंगल राज में तब्दील हो गया है, कोई भी कहीं भी सुरक्षित नहीं है। योगी जी खुद को संत कहते हैं और सनातन का ध्वजवाहक बताते हैं, पर शायद वो भूल गए हैं कि सनातन में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है। दुर्भाग्य ये है कि उनके शासनकाल में सबसे ज्यादा असुरक्षित महिलाएं ही हैं, सबसे ज्यादा अपराध महिलाओं के खिलाफ हो रहे हैं। सच तो ये है कि योगीराज में उत्तर प्रदेश में अपराधी निरंकुश हैं, पुलिस बेअंदाज हैं, अधिकारी बेलगाम हैं और मंत्री असहाय हैं।
मुख्यमंत्री जी सदन में ठोक डालो, मिट्टी में मिला देंगे जैसी स्तरहीन भाषा का प्रयोग कर प्रदेश के एक समुदाय में डर पैदा करते हैं और अपनी पुलिस को एक तरफा कार्यवाही की छूट देते हैं । शायद वह यह भूल जाते हैं कि हमें कानून का राज स्थापित करना है ना कि पुलिस का। मगर लोकतंत्र में भरोसा न रखने वाले मुख्यमंत्री को पुलिस राज पसंद है, क्योंकि इसके जरिए वो विपक्षी दलों के नेताओं पर एक तरफा कार्यवाही कर उन्हें प्रताड़ित कर डरा सकते हैं । शर्मनाक बात ये है कि मुख्यमंत्री जी खुद को बुलडोजर बाबा कहलवाना पसंद करते हैं। इतनी संवेदनहीनता कि लोगों के घर गिरा कर, महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों को सड़क पर लाकर विजयी हंसी हंसते हैं । पुलिसिया उत्पीड़न अपने चरम पर है। किसी की हत्या पुलिस अभिरक्षा में होती है, तो कोई जेल में मारा जाता है, किसी को मारकर थाने में लटका दिया जाता है, तो कभी अंहकार के चरम पर बैठे पुलिस वालों द्वारा पीट-पीट कर मार दिया जाता, कभी बलात्कार जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों को लचर पैरवी कर ना सिर्फ बचाया जाता है बल्कि फूल मालाओं से उनका स्वागत भी किया जाता है। भाजपा एक ऐसी वॉशिंग मशीन बन चुकी है जिसमें NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगे हुए अपराधी भी भाजपा में आकर अपराध मुक्त हो जाते हैं । योगी जी की जीरो टॉलरेंस की नीति पूरी तरह फेल हो चुकी है। निरंकुश पुलिस द्वारा भय का माहौल बनाकर कानून व्यवस्था की नीति को ही पूरी तरह विफल कर दिया गया है। जनता इस बात को समझ चुकी है कि इस नीति की आड में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। क्योंकि अपराध तो कम होने के बजाय बढ़ गए, शायद ही कोई दिन ऐसा होगा जिस दिन कोई दिल दहलाने वाला अपराध न होता हो । सच तो यह है कि पूरा प्रदेश अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित है। प्रदेश में भय का माहौल व्याप्त है और योगी जी प्रदेशवासियों को सुरक्षित तथा उन्हें भयमुक्त प्रदेश देने में विफल हो चुके हैं।
ज्ञापन देते समय उपस्थित प्रमुख कांग्रेसजनों में पूर्व शहर अध्यक्ष सलाउद्दीन वसी, श्रीमती रौशनी सिंह, विश्वंभर सिंह, पुरनचंद देशमुख, नदीम ग़फ़ूर, शाहिद खान, डा शंकर लाल, पार्षद बिजेंद्र सिंह बघेल, सागर सिंह तौमर, रौदाश सिंह, कैलाश बाल्मीकि, जितेंद्र कुमार तोशी, चौधरी वीरेंद्र सिंह, वसीम अहमद मलिक, मास्टर जहूर अहमद, बिरजू भाई, अनुराग प्रताप सिंह,चंद्र प्रकाश गोयल, निसार खान, गोलू पंडित, घनेश शर्मा, करण कुमार, धन सिंह, रामचंद्र सिंह, नरेश जादौन, रमेश चंद्र राघव, समय सिंह, राजपाल सिंह, जितेन्द्र सिंह, ब्रजेश कुमार, नरेश कुमार, आदि के अन्य कार्यकर्ता थे