उत्तरप्रदेश

श्री कृष्ण ने इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए उठाया था गोवर्धन पर्वत– साध्वी मां ध्यानमूर्ति

भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बैठे श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया

वृंदावन, श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व के अनेक पहलू हैं। वे माँ के सामने रूठने की लीलाएँ करने वाले बालकृष्ण हैं, तो अर्जुन को गीता का ज्ञान देने वाले योगेश्वर कृष्ण। इस व्यक्तित्व का सर्वाधिक आकर्षक पहलू दूसरे के निर्णयों का सम्मान है। कृष्ण के मन में सबका सम्मान है। वे मानते हैं कि सभी को अपने अनुसार जीने का अधिकार है।उक्त उद्गार गौशाला नगर स्थित राधारानी प्रसादम आश्रम में चल रही श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा ज्ञानयज्ञ के पंचम दिवस भागवत प्रवक्ता साध्वी मां ध्यानमूर्ति महाराज ने व्यक्त किये। उन्होंने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कराते हुए कहा कि कन्हैया जैसी लीला मनुष्य क्या कोई अन्य देव नहीं कर सकता। लीला और क्रिया में अंतर होता है, भगवान ने लीला की है। भगवान श्रीकृष्ण ने वही लीला की जिससे सभी ब्रजवासी सुखी हुए। गोवर्धन लीला को सुनाते हुए कहा कि इंद्र का अभिमान भंग करने के लिए भगवान ने इस लीला की रचना की और माखन चोरी का रहस्य मन की चोरी से है। कन्हैया ने अपने भक्तों के मान की चोरी की है। कथा में भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बैठे श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया। तत्पश्चात उन्होंने पूतना वध, ऊखल बन्धन, कंस बध आदि लीलाओं का वर्णन किया।इससे पूर्व श्रीमद्भागवत का पूजन-अर्चन वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य श्रद्धालुओं ने किया। इस अवसर पर डाॅ हरिओम शास्त्री, राजीव गौतम, राजू शास्त्री, आशीष चौहान, जितेंद्र कुमार गौतम, चैतन्य कृष्ण शर्मा, विष्णु गोला आदि उपस्थित थे।

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!