विधान से समाधान कार्यक्रम में महिलाओं को उनके अधिकारों एवं समस्याओं के निराकरण के प्रति किया गया जागरूक
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिलाओं व छात्राओं को सुरक्षा एवं स्वावलंबन के बारे में समझाया गया
अलीगढ़ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में विकासखण्ड सभागार धनीपुर में ”विधान से समाधान” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एडीजे एवं पूर्णकालीन सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नितिन श्रीवास्तव ने बताया है कि शासन द्वारा बालिकाओं एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाए जाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। वहीं बच्चियों एवं महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध छेड़छाड़ व यौन उत्पीड़न जैसे अप्रिय घटनाओं की रोकथाम के लिए मिशन शक्ति फेज पंचम भी चलाया जा रहा है।
महिलाओं के अधिकारों एवं उनकी सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में महिला हो या पुरूष अपने अधिकारों की हर कोई बात करता है, परन्तु कर्तव्य एवं दायित्व निर्वहन की कोई बात नहीं करना चाहता। समाज में छोटी-छोटी बात पर लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं, जबकि बहुत सारे मामले आपसी सुलह-समझौते से हल किए जा सकते हैं। बड़े से बड़े पारिवारिक मामलों को घर के भीतर ही सुलझाया जा सकता है। पति-पत्नी के मध्य हुई नौंक-झोंक यदि उन तक ही सीमित रहे तो रिश्ते कभी खराब नहीं हो सकते। एक महिला अपने परिवार को अच्छे से भरण-पोषण करती है, परन्तु अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखती है। महिलाओं में बढ़ते सर्वाइकल कैंसर के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने बालिकाओं को वैक्सीनेट कराए जाने की बात करते हुए कहा कि जब बालिकाएं संरक्षित होंगी तभी देश सुरक्षित होगामा0 उ0प्र0 राज्य महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी ने महिलाओं के अधिकारों की बात करते हुए कहा कि आज महिलाएं कसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। महिलाएं हर प्रकार के दायित्वों का बड़े अच्छे से निर्वहन करती हैं। सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलंबन एवं स्वरोजगार स्थापना के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं, इनका लाभ उठाएं। आज महिलाएं अपने अपनी रुचि के क्षेत्र में उपलब्धियों का परचम लहरा रही हैंब्लॉक प्रमुख पूजा दिवाकर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता के रास्ते कभी सीधे नहीं होते, कठिनाईयों से उबरकर ही शिखर पर पहुॅचा जा सकता है। अपने अधिकारों और स्वयं अपने बारे में जानना जरूरी है।
तहसीलदार कोल अवनीश कुमार ने राजस्व विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र एवं वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने एवं संशोधित कराने के बारे में बताया। राष्ट्रीय कृषि दुर्घटना योजना के बारे में उन्होंने बताया कि सर्पदंश की घटना को दैवीय आपदा में शामिल किया गया है। योजना के तहत मृतक आश्रित को 04 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
बीडीओ धनीपुर अवधेश मिश्रा ने महिलाओं की सबसे बड़ी योजना स्वयं सहायता समूह पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए संचालित इस योजना में रिवॉल्विंग फण्ड एवं सीआईएसएफ की धनराशि को बढ़ाकर क्रमशः 30 हजार और डेढ़ लाख कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों का विकास तभी होगा जब महिलाएं स्वावलम्बी होकर आर्थिक रूप से सशक्त होंगी।
डा0 शमा जुबैरी ने नॉन कम्युनिकेवल डिजीज के खतरों एवं सुरक्षात्मक उपायों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज, उच्च रक्तचाप के साथ ही ब्रेस्ट फीडिंग के फायदे, व्हाइट डिस्चार्ज, यूटीआई इंफेक्शन, ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि छोटी-छोटी स्क्रीनिंग से हम कई बड़ी गंभीर बीमारियों से अपने को सुरक्षित रख सकते हैं।
रिसोर्स पर्सन विजय श्री ने महिलाओं को कानूनी प्राविधानों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि माताएं बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ संस्कार भी दें। उन्होंने पॉक्सो अधिनियम और दहेज उत्पीड़न समेत अन्य अधिनियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्रम प्रवर्तन अधिकारी आशीष अवस्थी ने विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए श्रमिकों के पंजीकरण एवं उनके हितलाभों के बारे में बताया।
रिसोर्स पर्सन शाजिया सिद्दीकी ने महिलाओं को आर्थिक उन्नति के प्रति जागरूक करते हुए महिला उद्यमिता निधि योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, एनआरएलएम जैसी अन्य योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महिलाएं छोटी-छोटी बचत कर अपने को आर्थिक रूप से मजबूत कर सकती हैं।
”विधान से समाधान” कार्यक्रम में हितेश कुमारी, सीमा अब्बास, उप निरीक्षक प्रिया चौधरी द्वारा बालिकाओं को मिशन शक्ति व आत्मरक्षा के बारे में बताते हुए हेल्पलाइन नंबर 1090, 181, 112, 1076 व 1098, 108,102, 1930 साइबर हेल्प लाइन के साथ ही महिलाओं के कानूनी अधिकार, मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार, संपत्ति में बराबरी का अधिकार, रात में गिरफ्तार न होने का अधिकार, कामकाजी महिलाओं को मातृत्व सबंधी लाभ का अधिकार, पति अथवा रिश्तेदारों के खिलाफ घरेलू हिंसा से सुरक्षा के अधिकार, योन उत्पीड़न की पीड़िता का नाम सार्वजनिक न होने का अधिकार, पुरुषों के समान पारिश्रमिक का अधिकार एवं कार्य स्थल पर छेड़-छाड़ व योन उत्पीड़न से संरक्षण के अधिकार एवं पीड़ित महिलाओं के लिए संचालित आपकी सखी वन स्टॉप सेंटर के बारे में विस्तार से बताया समझाया गया।
कार्यक्रम में भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।