एसडीएम पीएम किसान योजना के अन्तर्गत तहसील स्तर पर लम्बित ओपेन सोर्स या सेल्फ रजिस्ट्रेशन केसेज का निस्तारण कराएं
प्रदेश में 21 सितम्बर 2024 के उपरान्त 1695200 कृषकों ने पोर्टल पर स्वयं को लाभार्थी के रूप में पंजीकृत कराया
अलीगढ़ उप कृषि निदेशक यशराज सिंह ने अवगत कराया है कि प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। जिसमें किसानों को वार्षिक 6 हजार की धनराशि तीन समान किस्तों में भारत सरकार द्वारा डीबीडी के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है। योजना में निर्धारित गाइड लाइन के अनुसार पात्र कृषक पीएम किसान पोर्टल पर लाभ पाने के लिए स्वयं को पंजीकृत कर सकते है। प्रदेश में 21 सितम्बर 2024 के उपरान्त 1695200 कृषकों ने पोर्टल पर स्वयं को लाभार्थी के रूप में पंजीकृत कराया है। पंजीकृत कृषकों का डाटा तहसील एवं जनपद स्तर से सत्यापन उपरान्त मुख्यालय पर स्टेट नोडल आफिसर द्वारा भारत सरकार को अग्रसारित कर दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा ऐसे किसानों के डाटा के निस्तारण पर निष्चित समयावधि के अन्तर्गत कार्यवाही करने पर बल दिया जा रहा है। तहसील स्तर पर लम्बित ओपेन सोर्स डाटा पर षासन स्तर पर अप्रसन्नता व्यक्त की गयी है। उन्होंने बताया कि कतिपय ऐसे किसान जो पतिपत्नी, नाबालिक कृषक है एवं जिन्होने 01 फरवरी 2019 के उपरान्त भूमि का क्रय किया है वह भी योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकरण कर रहे है। जबकि गाइड लाइन के अनुसार वह पात्र नही है। अतः ऐसे प्रकरणों पर तहसील स्तर से गहन परीक्षण करने के उपरान्त ही पात्रता की दषा में कृशक का डाटा अग्रसारित किया जाना चाहिये।उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों से तहसील स्तर पर परीक्षण कराते समय योजना से सम्बन्धित कार्मिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश देना का अनुरोध किया है उन्होंने नये पंजीकृत किसानों का सत्यापन करते समय घोषणा पत्र अनिवार्य रूप से प्राप्त कर इसमें पति/पत्नी एवं नाबालिक सन्तान सभी के विवरण दर्ज किये जायें, तथा उनकी पहचान हेतु यथा सम्भव कृशक की सहमति से उनके परिवार के किसी सदस्य के पूर्व से लाभान्वित होने की स्थिति को परीक्षण करने के लिए आधार कार्ड का विवरण भी घोशणा पत्र में अंकित करा लिया जाये।उन्होंने बताया कि यह भी सम्भावना है कि निर्धारित अवधि के उपरान्त जमीन क्रय करने वाले कृषक भी नवीन पंजीकरण करा दें। इसके लिए कृषक की अपलोडेड खतौनी की भी बारीकी से जॉच कर प्रकरण जनपद लॉगिन पर अग्रसारित किये जाये। उन्होंने बताया कि तहसील में जनसेवा केन्द्रों के संचालकों की बैठक कर उन्हें इस विषय में भली भॉति अवगत करा दिया जाये, तथा उनसे अपेक्षा की जाये कि वह भी कृषक की पात्रता की स्वयं जॉच करने के उपरान्त ही नये पंजीकरण करें। विभिन्न सोशल मीडिया संसाधनों एवं प्रचार माध्यमों से भी योजना के अन्तर्गत कृषक परिवार एवं योजना की पात्रता के बारे में कृषकों को जागरूक किया जाये, ताकि वह अनियमित पंजीकरण से बच सकें।