अधिक मूल्य पर खाद बिक्री हुई, तो होगी कार्यवाही
अलीगढ़ : वर्तमान में रबी फसलों की बुवाई का कार्य चल रहा है जिसके लिए किसानों द्वारा फास्फोरसयुक्त उर्वरकों जैसे डीएपी, एनपीके, सुपरफास्फेट का क्रय तेजी से किया जा रहा है। जिले में डीएपी एवं फास्फोरसयुक्त खाद वितरण पारदर्शिता से कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। खपत एवं आपूर्ति के कारण खाद की जमाखोरी, कालाबाजारी, ओवर रेटिंग पर अंकुश लगाने के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह ने निर्देश दिए हैं कि सभी विक्रेता निर्धारित मूल्य पर ही उर्वरक की बिक्री करें। निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर खाद बेचने वाले उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। यदि किसी प्रकार का अधोमानक उर्वरक पाया जाता है तो संबंधित के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अपने बिक्री केंद्र से बाहर जाकर उर्वरक वितरण करने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी। ऐसे में विक्रेता अपनी निर्धारित चैहद्दी में ही उर्वरक भंडारण एवं बिक्री करें।
विकल्प के तौर पर उपलब्ध हैं उर्वरक, किसान बंधु उनका प्रयोग करें
सीडीओ ने अन्नदाता किसानों से आग्रह किया है कि डीएपी उर्वरक के अलावा बाजार में उपलब्ध एनपीके उर्वरक का प्रयोग करके बुवाई कर सकते हैं। दलहनी व तिलहनी फसलों में एनपीके 20ः20ः00ः13 का प्रयोग करने पर तेल की गुणवत्ता व मात्रा दोनों अच्छी होती है। सहकारी केंद्रों के अलावा निजी बिक्री केंद्रों में भी फास्फोरसयुक्त उर्वरक उपलब्ध हैं जहां से किसान बंधु उर्वरक खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपनी जरूरत के मुताबिक ही खाद लें, अधिक मात्रा में लेकर भंडारण न करें, जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद भंडारण है।