वैष्णों देवी के कटरा में माहौल तनाव भरा बना हुआ है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षाबल तैनात किए गए
कटरा का माहौल माता के दर्शन के लिए ठीक नहीं है. रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर लोकल और श्राइन बोर्ड के बीच विवाद के बाद जारी
वैष्णों देवी के दर्शन करने का कोई भी वक्त गलत नहीं होता. श्रद्धालु जब चाहें माता का बुलावा आने पर दर्शन करने के लिए पहुंच सकते हैं. लेकिन फिर भी हम आपको यह सलाह देंगे कि अगर आप माता के दर्शन के लिए जाने का विचार कर रहे हैं तो अभी एक दो दिन रुक ही जाएं तो बेहतर होगा. फिलहाल कटरा का माहौल माता के दर्शन के लिए ठीक नहीं है. रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर लोकल और श्राइन बोर्ड के बीच विवाद के बाद जारी हड़ताल का आज दूसरा दिन है. एक दिन पहले ही पुलिस बलों और प्रदर्शन कर रहे लोकल्स के बीच जबर्दस्त झड़प देखने को मिली थी. आज भी कटरा में माहौल तनाव भरा बना हुआ है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षाबल तैना किए गए हैं.कटरा में एक दिन पहले आलम यह था कि सुरक्षा बलों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे शहर में मार्च भी निकालना पड़ा था. कटरा में स्थानीय लोगों ने 72 घंटे का बंद बुलाया हुआ है. इसका मतलब है कि दुकानें बंद हैं. बाजार बंद हैं. कल स्थानीय लोग, दुकानदारों, मजदूरों और पिट्ठू व पालकी संचालकों ने प्रदर्शन किया. माता के दर्शन के लिए जाने वाले लोगों को इस वक्त ना रास्ते में खाने-पीने की कोई दुकान खुली मिलेगी और ना ही कोई पिट्ठू की व्यवस्था होगी. पालकी सेवा भी बंद होगी. मतलब साफ है कि यात्रा के दौरान पग-पग पर लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.
रोपवे प्रोजेक्ट श्राइन बोर्ड का ड्रीम प्रोजेक्ट
श्राइन बोर्ड के प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट से नाराज स्थानीय लोगों ने तीन दिन के बंद का ऐलान किया है. जिसके चलते इस वक्त कटरा का माहौल बेहद गरमाया हुआ है. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है. माता वैष्णो देवी की यात्रा की शुरुआत कटरा से होती है. श्राइन बोर्ड की योजना ताराकोट मार्ग को सांझी छत से जोड़ने की है. स्थानीय लोग 250 करोड़ रुपये के प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. दरअसल, कटरा में ताराकोट मार्ग पर बनने जा रहा रोपवे प्रोजेक्ट सीधे माता की गुफा की ओर जाता है. श्राइन बोर्ड का मानना है कि नई रोपवे बनने से बच्चे, बुजुर्ग और अन्य लोग बिना किसी परेशानी के आसानी से भवन तक पहुंच सकेंगे.
क्या है स्थानीय लोगों की मांग?
स्थानीय लोग माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड के रोपवे प्रोजेक्ट से स्थानीय व्यापारियों की आजीविका खत्म होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं. उनका मानना है कि जब लोग सीधे रोपवे से माता के दर्शन के लिए पहुंच जाएंगे तो फिर उनकी आजिविका का क्या होगा। नए रास्ते से लोगों को शहर से गुजरने की जरूरत नहीं है. यही वजह है कि दुकानदारों, टट्टू संचालकों और पालकी मालिकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली ‘माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति’ ने बुधवार को शहर में विरोध मार्च का नेतृत्व किया और मांग की कि इस परियोजना को रद्द कर दिया जाए.