अलीगढ़ के तहसील कॉल परिसर में लेखपाल संघ के बैनर तले एक बड़ा प्रदर्शन किया गया
प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य एंटी करप्शन टीम द्वारा लेखपालों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया के खिलाफ और उनके साथ किए जा रहे व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाई

अलीगढ़ के तहसील कॉल परिसर में लेखपाल संघ के बैनर तले एक बड़ा प्रदर्शन किया गया है. लेखपाल संघ के सदस्यों का कहना है कि पिछले कुछ समय से एंटी करप्शन टीम द्वारा लेखपालों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है. आरोप लगाया गया है कि टीम के कुछ अधिकारी जबरदस्ती लेखपालों के बैग में पैसे रख देते हैं और बाद में उन्हें रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाता है. लेखपालों का कहना है कि उनके साथ ऐसे व्यवहार किया जा रहा है जैसे वे कोई बड़े अपराधी हों. लेखपालों का यह भी कहना है कि जब किसी भी व्यक्ति को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है, तो उस समय की पूरी घटना का वीडियो बनाना अनिवार्य होता है. लेकिन एंटी करप्शन टीम इस प्रक्रिया को नजरअंदाज करती है. यह सवाल उठता है कि जब कानून के तहत वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य है, तो इसे क्यों नहीं किया जा रहा? लेखपालों ने आरोप लगाया कि एंटी करप्शन टीम जानबूझकर उन्हें फंसाने की साजिश कर रही है. टीम की यह कार्यवाही न केवल अनुचित है, बल्कि इससे लेखपाल समुदाय के मनोबल पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है.उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एसडीएम कौल को एक ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से लेखपालों ने अपनी चिंताओं और समस्याओं को स्पष्ट किया. उन्होंने मुख्यमंत्री से यह अनुरोध किया कि लेखपालों को निशाना बनाने और उन्हें जबरन गिरफ्तार करने की इस प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाई जाए. लेखपाल संघ ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया और स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उनका कहना है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो यह प्रदर्शन केवल अलीगढ़ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राज्यव्यापी आंदोलन का रूप ले लेगा.ज्ञापन सौंपने के दौरान लेखपाल संघ के अध्यक्ष अवनीस बाबू ने कहा कि एंटी करप्शन टीम के द्वारा जो कार्यवाही की जा रही है, वह केवल लेखपालों को बदनाम करने और उनके मनोबल को गिराने के लिए है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि उनकी गिरफ्तारी के दौरान उचित प्रक्रिया का पालन किया जाए, तो सच्चाई सामने आ सकती है. लेकिन, जानबूझकर इस प्रक्रिया को अनदेखा किया जा रहा है.लेखपाल संघ ने सरकार से यह अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और एंटी करप्शन टीम की कार्यप्रणाली की जांच कराएं. साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी लेखपाल के साथ अन्याय न हो.
एसडीएम कौल को सीएम योगी के नाम का ज्ञापन सौंपा गया है
वहीं अलीगढ़ में हुए इस बड़े प्रदर्शन ने न केवल लेखपालों की समस्याओं को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि यदि सरकारी कर्मचारियों के साथ अन्याय होता है, तो वे अपनी आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे. पूरे मामले दिग्विजय सिंह एसडीएम कोल के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया मुख्यमंत्री के नाम से एक ज्ञापन प्राप्त हुआ है. उसे उचित माध्यम से आगे भेज दिया जाएगा.