अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में अंडर वाटर व्हीकल डिवाइस बनाई गई
डेढ़ महीने में यह डिवाइस तैयार हुई, जिसे अब रक्षा मंत्रालय को भेजने की तैयारी की जा रही है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में अंडर वाटर व्हीकल डिवाइस बनाई गई है, जो पानी के अंदर रखे विस्फोटक खोजेगी। डेढ़ महीने में यह डिवाइस तैयार हुई, जिसे अब रक्षा मंत्रालय को भेजने की तैयारी की जा रही है।डिवाइस की लागत आठ लाख रुपये आई है। हालांकि, बाजार में इस तरह की डिवाइस करोड़ों रुपये में बिकती है। प्रो. सलीम अनवर खान की देखरेख में 14 विद्यार्थियों ने जो डिवाइस बनाई है, उसमें कैमरे, सेंसर लगे हुए हैं। इसके जरिये पानी के अंदर किसी भी पदार्थ को देखा और उसे उठाया जा सकता है।प्रो. सलीम अनवर खान ने बताया कि अंडर वाटर व्हीकल डिवाइस के जरिये न केवल समुद्र की निगरानी होगी, बल्कि पानी की गुणवत्ता की भी जांच की जा सकेगी। जलचरों के पानी मुफीद है या नहीं। उसका तापमान कितना है, उसके बारे में जानकारी मिलेगी। कहीं पड़ोसी देश पानी के अंदर से किसी उपकरण के जरिये देश की मुखबिरी तो नहीं कर रहे हैं, उसके बारे में भी अंडर वाटर व्हीकल डिवाइस बता देगी। हाल ही में ओसनग्राफी इंस्टीट्यूट गोवा ने समुद्र की निगरानी के लिए सात करोड़ रुपये की मशीन खरीदी है।उन्होंने एएमयू में बनी डिवाइस रक्षा मंत्रालय को भेजने की तैयारी है, क्योंकि इस डिवाइस की लागत करीब आठ लाख रुपये आई है। इससे समुद्र की निगरानी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी टीम सिंगापुर में 14-17 मार्च तक होने वाले सिंगापुर ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल चेलैंज (एसएयूवीसी) प्रतियोगिता में हिस्सा लेगी। देश से 16 और यूपी से दो टीमें हिस्सा ले रही हैं। इनमें एएमयू और आईआईटी कानपुर की टीम शामिल है।