अलीगढ़

सरकारी दस्तावेजों, प्रतीकों एवं विज्ञापनों में भारत सरकार के राज्य संप्रतीक चार सिंहों की मूर्ति के साथ ”सत्यमेव जयते” को अनिवार्य रूप से अंकित किया जाए

भारत सरकार के राज्य संप्रतीक में ''सत्यमेव जयते'' का अंकित न होना गंभीर चूक

अलीगढ़ : सरकारी दस्तावेजों, प्रतीकों एवं विज्ञापनों में भारत सरकार के राज्य संप्रतीक जिसमें चार सिंहों की मूर्ति होती है को ”सत्यमेव जयते” के बिना प्रकाशित या मुद्रित करना न केवल राज्य संप्रतीक अधिनियम 2005 का स्पष्ट उल्लंघन है बल्कि संविधान की आत्मा के साथ भी अन्याय है।उक्त जानकारी देते हुए आयुक्त, अलीगढ़ मण्डल, अलीगढ़ श्रीमती संगीता सिंह ने बताया है कि विभिन्न सरकारी एजेंसियां जो अपने स्टेशनरी, प्रकाशन, मुहरों, वाहनों, भवनों व वेबसाइटों पर भारत के राज्य संप्रतीक का उपयोग कर रही हैं, वह अक्सर ”सत्यमेव जयते” आदर्श वाक्य को छोड़ देती हैं और मात्र चार सिंहों के प्रतीक को दर्शाती हैं, जोकि राज्य संप्रतीक अधिनियम 2005 में निर्धारित डिजाइन के अनुरूप नहीं है। उन्होंने बताया कि ”सत्यमेव जयते” जिसका अर्थ ”सत्य की ही विजय होती है”। भारत की आधिकारिक मुद्रा, दस्तावेजों और विभिन्न प्रकार के प्रतीकों में अंकित होना अनिवार्य है। यह दो शब्द न केवल राष्ट्रीय आदर्श वाक्य हैं बल्कि देश की संस्कृति और नैतिक पहचान का प्रतीक भी हैं।मण्डलायुक्त ने मण्डल के सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, वीसी एडीए, नगर आयुक्त एवं सभी मण्डलीय व जिलास्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस प्रकार की चूक गंभीर चिंता का विषय है। इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए भविष्य में सभी प्रतीकों में ”सत्यमेव जयते” को यथाविधि अंकित किया जाए। उन्होंने आमजनमानस से भी अनुरोध किया है कि यदि कहीं भी इस प्रकार की त्रुटि दिखाई देती है तो संबंधित को सूचित करें ताकि ससमय त्रुटि में सुधार किया जा सके है।

JNS News 24

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