अलीगढ़
बिजली विभाग में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार जिम्मेदार बने अनजान
सालों से एक ही जगह पर जमे अधिकारी खुद करते भ्रष्टाचार और खुद ही करते जांच

अलीगढ़। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में चल रहा है भ्रष्टाचार का खुल्लम खुल्ला खेल डायरेक्टर के खास लोगों ने सांठ गांठ बनाकर पूरे निगम को चुना लगाया जा रहा है। प्रदेश की योगी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार रोकने के लिए भले ही नए नए नियम कायदे बनाए गए हो लेकिन सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब सवाल ये है कि योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा जीरो टॉलरेंस की नीति को ये विभागीय अधिकारी किस तरह चुना लगा रहे हैं। सासनीगेट क्षेत्र के विद्युत सबस्टेशन बाला के कला के बिजली घर भुजपुरा पर जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है और लोगों को कार्यवाही का खौफ दिखाकर खुलेआम लूटा जा रहा हैं।
सासनीगेट क्षेत्र के विद्युत सब स्टेशन बाला के कला के बिजली घर भुजपुरा पर जूई और बिजली कर्मचरियों की मनमानी चल रही है और जमकर मुंहुड़ कर रिश्वत की मांग कर रहे हैं। नगला आशिक अली भुजपुरा मुल्लापड़ा के रहने वाले चमन ने बताया कि उनके मकान पर उनके नाम से भुजपुरा बिजली घर पर तैनात जेई प्रशांत आर्या ने दस किलोवाट का विद्युत संयषेजन दिया था लोड़ अधिक होने के कारण उन्होंने उसी मकान पर चमन की पत्नी जीनत बेगम के नाम से दस किलोवाट का दूसरा विद्युत संयोजन लगा दिया जिसकी एवज में दो लाख पचास हजार रूप्ये रिश्वत ली गई थी। बकरी ईद से पहले जेई प्रशान्त आर्या और उसके साथ बिजली कर्मी राहुल मुकेश व जितेन्द्र भी आए और चमन से कहा कि तुम्हारे मकान पर लोड़ अधिक है और मिक्सिगं हो रही हैं। तो चमन ने जेई को बताया कि 18 किलोवाट का उनके कारखाने का लोड़ है और विद्युत संयोजन बीस किलोवाट का है तो लोड़ अधिक कैसे हो गया तो जेई ने बात घुमकाकर 50 हजार रूपये रिश्वत की मांग की,लेकिन चमन ने देने से इंकार कर दिया तो जेई प्रशान्त आर्या और बिजली कर्मी राहुल,जितेन्द्र व मुकेश ने रिश्वत ना देने पर चमन के कारखाने का बिजली कनेक्श नही काट दिया। चमन ने विद्युत विभाग के आलाधिकारियों को शिकायत भेजकर कार्यवाही की मांग करते हुये अपना बिजली कनेक्शन जाड़ने की मांग की हैं।
विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार की पोल खोलती जनताबिजली हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, लेकिन जब यह अधिकार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता है, तो जनता की परेशानी बढ़ जाती है।विद्युत विभाग, जो हर घर में रोशनी लाने का जिम्मेदार होता है, आज कई इलाकों में भ्रष्टाचार, लापरवाही और मनमानी का गढ़ बनता जा रहा है। लेकिन अब जनता चुप नहीं बैठी कृ जन जागरूकता, सोशल मीडिया, आरटीआई और शिकायत पोर्टलों के माध्यम से लोग भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं। सभी कि बिजली विभाग में किस तरह का भ्रष्टाचार फैला है, जनता कैसे इसका विरोध कर रही है, और समाधान क्या हैं।विद्युत विभाग में आमतौर पर देखे जाने वाले भ्रष्टाचार
1. रिश्वत लेकर कनेक्शन देनानया बिजली कनेक्शन पाने के लिए आम उपभोक्ता को महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं।
कई जगहों पर बिना रिश्वत के फाइल आगे नहीं बढ़ती।2. फर्जी बिल और ओवरचार्जिंगउपभोक्ताओं को जानबूझकर ज़्यादा यूनिट डालकर बिल भेजे जाते हैं।जब उपभोक्ता शिकायत करता है, तो “सुलझाने” के लिए पैसा मांगा जाता है।
3. खराब मीटर का बहानामीटर में गड़बड़ी दिखाकर उपभोक्ता से जुर्माना वसूला जाता है।जांच के नाम पर मोटी रकम ली जाती है, जबकि मीटर में कोई तकनीकी खराबी नहीं होती।4. बिजली चोरी को नजरअंदाज़ करनाकई बड़े उपभोक्ता, होटल, उद्योग, वगैरह खुलेआम बिजली चोरी करते हैं।अधिकारी या लाइनमैन कुछ हिस्सा लेकर आंखें मूंद लेते हैं।5. फर्जी रसीदें या नकली भुगतान
भुगतान करने पर नकली रसीद दी जाती है, और उपभोक्ता को बाद में बकाया बताया जाता है।जनता अब चुप नहीं है!
अब वो समय नहीं जब लोग डर के मारे कुछ नहीं कहते थे। आज जनता सोशल मीडिया, जन सूचना अधिकार (त्ज्प्), लोकपाल, उपभोक्ता फोरम और ऑनलाइन पोर्टल्स के ज़रिए आवाज़ उठा रही है।कैसे जनता पोल खोल रही है?सोशल मीडिया पर पोस्ट डालना झूलते तारों, खराब ट्रांसफॉर्मर या रिश्वतखोरी के वीडियो वायरल हो रहे हैं। “किसका कितना बकाया है?”, “किसे कब कनेक्शन दिया गया?”, “किस अधिकारी ने कितनी जांच की? लोकल मीडिया को खबर देनाकई लोग स्थानीय न्यूज़ चैनल और अखबारों के ज़रिए भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ कर रहे हैं।जन प्रतिनिधियों से संपर्क करना विधायक, पार्षद या सांसद से मिलकर कार्यवाही की मांग करना अब आम बात हो गई है।