अन्तर्राष्ट्रीय नशा निरोध दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर आयोजित हुए विधिक साक्षरता शिविर
पराविधिक स्वयंसेवकों ने डीडीयू चिकित्सालय, अतरौली, कोल एवं शहरी क्षेत्रों में नशा के विरूद्ध किया जागरूक

अलीगढ़ जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनुपम कुमार के दिशा निर्देशन में गठित ड्रग एब्यूज वॉर्निंग नेटवर्क कमेटी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में कार्यरत पराविधिक स्वंय सेवकगणों द्वारा नशीली दवाओं के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के विरूद्ध विभिन्न स्थानों पर विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।इस अवसर पर पं0 दीन दयाल उपाध्याय उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय के मीटिंग हॉल में एएनएम के मध्य विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया साक्षरता शिविर में उपस्थित दीनदयाल उपाध्याय के मेडीकल अफसर मनोज कुमार शर्मा व पराविधिक स्वंय सेवक सत्य प्रकाश गोयल, श्रीमती सोनम कुमारी, अभिषेक नायक, अरविन्द पाठक एवं योगेन्द्र कुमार द्वारा नशीली दवाओं के दुरूपयोग से उस व्यक्ति व समाज में पडने वाले असर को बताया गया। कार्यक्रम में नशा मुक्ति केन्द्रों के सम्बन्ध में भी जानकारी प्रदान करते हुए उपस्थितजनों को शपथ दिलाई गई कि ”हम सब शपथ लेते है कि भारत को नशा मुक्त देश बनाने की दिशा में कार्य करेंगे और भारत को नशा मुक्त देश बनायेंगे”। नशीली दवाओं के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के विरूद्ध जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कमेटी के सदस्य नरेन्द्र कुमार, पराविधिक स्वयं सेवक सुश्री नीतू राजपूत द्वारा तहसील अतरौली के ग्राम नगला जाटवान में नशीली दवाओं के दुरूपयोग के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गयी। शिविर में बताया गया कि नशीली दवाओं यथा- गांजा, डायजापॉम, चरस, हिरोईन इत्यादि का उपयोग युवाओं में बहुत तेजी से फैल रहा है इन नशीली दवाओं के उपयोग से व्यक्ति के न केबल शरीर पर प्रभाव पडता है बल्कि उसकी कार्य करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। नशीली दवाओं की लत के प्रभाव में व्यक्ति अपने घर के सामान को भी बेचना शुरू करता है और आपराधिक गतिविधियों में सम्मलित हो जाता है। इन सबके परिणाम स्वरूप उसका परिवार एक त्रासदी से ग्रस्त हो जाता है। इसी क्रम में पराविधिक स्वंय सेवकगण द्वारा कोल तहसील के ग्राम इलियासपुर थाना बन्नादेवी, में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। पराविधिक स्वंय सेवक अरविन्द पाठक द्वारा ग्राम के वृद्धजन, युवा पुरूष, बच्चें एवं महिलाओं को 26 जून अन्तर्राष्ट्रीय नशा निरोध दिवस की जानकारी देते हुये अवगत कराया कि नशा केवल एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र की समस्या है भारत में नशाखोरी अर्थात तम्बाकू, शराब एवं ड्रग्स की समस्या विशेष रूप से युवाओं में तेजी से फैल रही है अधिकतर लोग नशे के उपयोग के लिए गांजा, हेरोइन, अफीम, ब्राउन शुगर जैसी प्रतिबन्धित नशीली चीजों का प्रयोग करते है जिसके परिणाम स्वरूप उनमें स्वास्थ्य सम्बधी समस्या उत्पन्न होती है। उस व्यक्ति का अपने दिमांग पर कोई नियन्त्रण नहीं होता है नशे के प्रयोग से धीरे-धीरे व्यक्ति को नशे की लत पड जाती है जिसके परिणामस्वरूप वह आपराधिक गतिविधियों में सम्मलित हो जाता है एवं उसका परिवार पूरी तरह से बिखर जाता है। हम सबकी यह जिम्मदारी है कि हम नशा मुक्त भारत के निर्माण में सहयोग करें। नशे के उन्मूलन के लिए परिवार दोस्तों और समाज को जागरूक करे व नशे के प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में भी सबको अवगत करायें। हम सब का एक ही लक्ष्य है कि भारत को नशा मुक्त भारत बनायेंगे। इसके साथ ही कम्पनी बाग पर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मजदूर वर्ग के लोगो के मध्य भी पराविधिक स्वंय सेवकों श्रीमती आभा वार्ष्णेय, श्रीमती सईदा खातून एवं श्रीमती नीरजा सिंह द्वारा भी नशीली दवाओं के विरूद्ध विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।