विश्व जूनोसिस दिवस के अवसर पर कलैक्ट्रेट सभागार में जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया
बैठक में जूनोटिक रोगों के कारणों, उनके लक्षणों एवं निवारण के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई

अलीगढ़ : विश्व जूनोसिस दिवस के अवसर पर कलैक्ट्रेट सभागार में जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 नीरज त्यागी ने की इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, नगर विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, पशु चिकित्सा विशेषज्ञ, चिकित्सक एवं संबंधित कर्मचारियों ने प्रतिभाग कियासीएमओ डॉ0 नीरज त्यागी ने अधिकारियों से अपील की कि वे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आमजन को जूनोटिक रोगों के प्रति जागरूक करें ताकि प्रारंभिक स्तर पर ही इन रोगों की पहचान कर उपचार किया जा सके और महामारी की स्थिति को टाला जा सके बैठक में रोगों की रोकथाम के लिए सामूहिक रणनीति अपनाने का भी संकल्प लिया गयाबैठक में मुख्य रूप से जूनोटिक रोगों की महत्ता पर चर्चा करते हुए डॉ0 शोएब ने बताया कि जूनोटिक रोग वे संक्रामक रोग होते हैं जो जानवरों से इंसानों में फैलते हैं, जैसे रेबीज, ब्सेलोसिस, बर्ड फ्लू, एंथ्रेक्सइन रोगों का समय पर निदान और रोकथाम न होने पर ये मानव जीवन के लिए घातक साबित हो सकते हैंउन्होंने जूनोटिक रोगों केक्रमण के प्रमुख तरीकों की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि संक्रमित पशु के सीधे संपर्क में आने, दूषित भोजन या पानी का सेवन करने, पशुजनित उत्पादों का अनुचित उपयोग एवं मच्छर या टिक जैसे वाहकों के माध्यम से संक्रमण शामिल है उन्होंने बताया कि पशुपालन में साफसफाई रखना, समय पर पशुओं का टीकाकरण कराना, संक्रमित पशु के संपर्क से बचना एवं संक्रमित पशु या उनके उत्पादों को उपयोग में लाने से पूर्व आवश्यक सतर्कता बरतना, संक्रमण की रोकथाम में अत्यंत सहायक सिद्ध होता है।बैठक में जूनोटिक रोगों के कारणों, उनके लक्षणों एवं निवारण के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। डॉ0 शोएब ने बताया कि पशु एवं मानव स्वास्थ्य के बीच समन्वय को मजबूत कर ही जूनोटिक रोगों के प्रसार को रोका जा सकता है।