श्रद्धाभाव से मनाया प्रथमाचार्य श्री शांति सागर जी महाराज का 70 वां समाधि दिवस
श्रद्धालुओं ने आचार्य श्री के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर आरती ,पूजन कर उनको नमन किया

सोमवार को खिरनी गेट स्थित श्री शांति सागर जैन धर्मार्थ औषधालय परिसर में जैन समाज के 20 वीं शताब्दी के प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती श्री शांति सागर महाराज का 70 वां समाधि दिवस मनाया । श्रद्धालुओं ने आचार्य श्री के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर आरती ,पूजन कर उनको नमन किया । औषधालय समिति के अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि लगभग 65 वर्ष पूर्व आचार्य श्री का आगमन अलीगढ़ में हुआ था तभी उनकी प्रेरणा से खिरनी गेट पर उन्हीं के नाम पर जैन समाज द्वारा धर्मार्थ औषधालय की स्थापना की तब से लेकर आज तक यहां मरीजों को वैध क्षेत्रपाल सिंह द्वारा बीमारी के आधार पर कम मूल्य पर आयुर्वेदिक दवाई दी जाती है। समिति के मंत्री सौरभ जैन पांड्या ने बताया कि दिगम्बर साधु सन्त परम्परा में वर्तमान युग में अनेक तपस्वी, ज्ञानी ध्यानी सन्त हुए। उनमें आचार्य शान्तिसागरजी महाराज एक ऐसे 20 वीं शताब्दी के प्रमुख साधु श्रेष्ठ तपस्वी रत्न हुए हैं, जिनकी अगाध विद्वता, कठोर तपश्चर्या, प्रगाढ़ धर्म श्रद्धा, आदर्श चरित्र और अनुपम त्याग ने धर्म की यथार्थ ज्योति प्रज्वलित की। इस मौके पर अनिल जैन दोषी,प्रमेंद्र जैन एडवोकेट,संदीप जैन,अशोक जैन,हेमंत जैन,शरद जैन,आशीष जैन,दिलीप जैन,अंकित जैन उपस्थित रहे।



