अलीगढ़

जिलाधिकारी ने खंड विकास कार्यालय जवां का औचक निरीक्षण कर कार्यप्रणाली में सुधार के दिए निर्देश

जनसुनवाई पंजिका में 17 सितम्बर के बाद शिकायत दर्ज न होने पर जताई नाराजगी

अलीगढ़ (: जिलाधिकारी संजीव रंजन ने मंगलवार को खंड विकास कार्यालय जवां का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालय की कार्यप्रणाली, अभिलेखों के रखरखाव और कर्मचारियों की उपस्थिति की गहन समीक्षा की   जिलाधिकारी ने सबसे पहले उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया। कई कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए, जिस पर उन्होंने खंड विकास अधिकारी अरविंद त्यागी को तीन दिवस में स्पष्टीकरण प्राप्त कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनसुनवाई पंजिका का भी निरीक्षण किया, जिसमें 17 सितम्बर के बाद कोई शिकायत दर्ज न होने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जब जनशिकायत सुनवाई एवं निस्तारण शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, यह जनसंपर्क व्यवस्था की निष्क्रियता को दर्शाता है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मनरेगा के अंतर्गत चल रहे कार्यों की स्थिति और श्रमिकों की संख्या की जानकारी अभिलेखों की रोशनी में ली। स्थापना पटल पर उन्होंने कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं की जांच की, जिसमें अनिवार्य प्रविष्टियां अपूर्ण पाई गईं। इस पर उन्होंने बीडीओ को निर्देश दिए कि सभी सेवा पुस्तिकाएं एक सप्ताह के भीतर अद्यावधिक कराते हुए प्रमाणपत्र प्रस्तुत करें।  जिलाधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी अजय पाल सिंह की वेतन वृद्धि रोके जाने की जानकारी सेवा पुस्तिका में दर्ज न होने पर नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने बीडीओ एवं एडीओ पंचायत को निर्देश दिए कि दोनों अधिकारी ब्लॉक परिसर स्थित आवासों में रात्रि विश्राम करें ताकि क्षेत्रीय कार्यों पर प्रभावी निगरानी सुनिश्चित हो सके। निरीक्षण के दौरान विकास खंड कार्यालय परिसर में स्वच्छता का अभाव पाया गया। भ्रमण पंजिका के परीक्षण में यह भी पाया गया कि बीडीओ और एडीओ पंचायत द्वारा क्षेत्र भ्रमण की प्रविष्टियाँ नियमित रूप से अंकित नहीं की जा रही हैं, जिस पर उन्होंने कड़ी नाराज़गी व्यक्त की।  इसके उपरांत जिलाधिकारी ने राजकीय कृषि बीज भंडार का भी सघन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उर्वरक स्टॉक एवं वितरण रजिस्टर का मिलान किया, जिसमें डीएपी खाद उपलब्ध नहीं पाई गई। उपस्थित किसानों से बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि डीएपी के स्थान पर एनपीके खाद उपलब्ध है, जिसमें पोटाश सम्मिलित है और जो खेती के लिए उपयुक्त एवं प्रभावी विकल्प सिद्ध हो रहा है।    जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को बीज व उर्वरक वितरण में किसी प्रकार की कठिनाई न हो, और समस्त अभिलेख नियमित रूप से अद्यतन रखे जाएं। उन्होंने कहा कि शासन की विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं के पारदर्शी और समयबद्ध क्रियान्वयन में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

JNS News 24

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