अलीगढ़

जनगणना में जैन समाज की पहचान का मुद्दा धर्म कॉलम में केवल जैन लिखने की अपील – राजीव जैन

अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त जैन समाज को 2011 की जनगणना में आंकी गई

जनगणना में जैन समाज की पहचान का मुद्दा धर्म कॉलम में केवल जैन लिखने की अपील – राजीव जैन अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त जैन समाज को 2011 की जनगणना में आंकी गई जैन समाज की जनसंख्या बेहद कम नजर आ रही है। भारतवर्ष में हुई जनगणना में जैन समाज की जनसंख्या देशभर में महज 46 लाख बताई गई है, जबकि उनकी संख्या 3 करोड़ से भी अधिक है। समाज की जनसंख्या का सही आंकड़ा देश के सामने लाने के लिए श्री दिगम्बर जैन महासमिति के प्रांतीय महामंत्री राजीव जैन ने देश में रहने वाले सभी जैन परिवारों से महत्वपूर्ण अपील की है आगामी जनगणना में धर्म के कॉलम के आगे केवल “जैन” लिखें उन्होंने यह भी कहा कि लोग अपने जाति और उपजातिमें भी केवल “जैन” का उल्लेख करें। राजीव जैन ने बताया कि भारतीय संविधान में जैन धर्म को एक पृथक एवं स्वतन्त्र धर्म के रूप में मान्यता प्राप्त है।उन्होंने दावा किया है भारत में जैन समुदाय की आबादी 3 से 4 करोड़ के बीच में है। आगामी जनगणना में यह आंकड़ा सामने आयेगा। उन्होंने जैन समाज की सभी राष्ट्रीय,प्रांतीय व स्थानीय संस्थाओं को संयुक्त रूप से मिलकर इस ओर ध्यान की आवश्यकता है। एक बार फिर जनगणना का बिगुल बज चुका है। आगामी वर्ष में जनगणना होना तय है। जनगणना के आधार पर ही यह पता चलेगा कि भारतवर्ष में कितने जैनधर्म के अनुयायि है।इस सबके लिए हमें सावचेत होना चाहिए । अब जैन को जैनधर्म में गिनाओ अभियान चलाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। मंदिर – मंदिर,और समाज -समाज ,संस्था -संस्था, श्रावक – श्राविका तक इस अभियान को तीव्र गति के साथ चलाना वर्तमान परिस्थितियों में अति जरूरी है। हमारी संख्या के बारे में भ्रांतियां यह है कि हम है तो ज्यादा किन्तु हम अपनी जनगणना में हमारी संख्या कम नजर आती है जिसका मुख्य कारण है दिगम्बर,श्वेतांबर,स्थानकवासी,तेरापंथी ,बीसपंथी,खंडेलवाल , जैसवाल, गंगेरवाल,ओसवाल,अग्रवाल व अन्य गच्छो में विभाजित जैन समाज के सभी घटकों को जनगणना में केवल जैन लिखने की आवयश्कता है तभी हम अपनी वास्तविक संख्या का पता लगा पाएंगे।

JNS News 24

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