अलीगढ़

मनोरमा देवी की आँखों से देख सकेंगे दो और लोग

देहदान कर्तव्य संस्था के सहयोग से हुआ एक और नेत्रदान

प्रीमियर नगर बैंक कॉलोनी निवासी मनोरमा देवी की मृत्यु उपरांत नेत्रदान से दो लोगों की जिंदगी रंगीन होगी ।
देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार छात्रों के प्रिय गुरुजी स्व० जे सी वार्ष्णेय जी की भांति आपकी धर्मपत्नी मनोरमा देवी जी भी दानी स्वभाव की रही । अब उनकी मृत्यु के बाद परिजनों ने उनकी अंतिम इच्छा को देखते हुए नेत्रदान जैसा महान कार्य कराया है ।
 देहदान कर्त्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एस के गौड़ को सी ए अनिल वार्ष्णेय का फोन आया कि सी ए अरुण वार्ष्णेय भी की पूज्यनीय माताजी  मनोरमा देवी  87 वर्ष  का नेत्रदान होना है।
डॉ गौड़ ने अविलम्ब पारिवारिक इच्छानुसार डॉ श्रॉफ आई केयर वृंदावन की टीम को बुला सौहार्दपूर्ण वातावरण में सफलता पूर्वक कदम उठाया।
 इस अवसर पर एकत्रित समूह को सम्बोधित करते हुए कहा सी ए अरूण कुमार ने अपने पिता स्व० जे सी वार्ष्णेय जी का नेत्रदान लगभग 11 वर्ष पूर्व कराया था। वैसे ही मानवीय कार्य को आज माता के लिए पुनरावृत्ति की।
डॉ गौड़ ने कहा कि नेत्रदान को संकल्पित होने से पहले विचारणा चाहिए कि क्यूँ करें। उपस्थिति सभी लोग जरा अपनी आंखें बन्द कर देखें तो अह्सास होगा कि जो वर्षों से नहीं देख पाते उन्हें कैसा लगता होगा। मनोरमा देवी मरने के बाद भी उन दो व्यक्तियों के रूप में  तब तक जीवित रहेंगी जब तक लेने वाले (जिन्हें लगाई गई)दुनियां में रहेंगे। इसमें अपना कुछ भी नहीं खोता। लेकिन मिलता है। उन दोनों की दुआएं परिवार को। डॉ गौड़ ने साधुवाद कहते हुए परिवार को हार्दिक आभार व्यक्त कर कहा कि आपने असंख्य लोगों की नकारात्मक सोच दरकिनार कर लीक से हटकर कर अद्वितीय, प्रसंशनीय व
 कार्य किया है। मानवीय कार्य में सी ए अरुण वार्ष्णेय , रोशन सिंह, डॉ विश्वामित्र आर्य,  भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक , सत्यनारायण दीक्षित, विवेक अग्रवाल, अजय राणा, इंजीनियरिंग आलोक वार्ष्णेय, सी ए अंकुर वार्ष्णेय, इंजीनियर सिद्धार्थ वार्ष्णेय, रेखा, सीमा, अल्का, सरिता सहयोगी बने।

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
error: Content is protected !!