09 सितम्बर को जिला न्यायालय, अलीगढ, बाह्य स्थित न्यायालयोंएवं तहसील स्तर पर होगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
जिला जज की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए बैठक सम्पन्न
अलीगढ़ – माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार और जिला न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजीव कुमार के दिशा निर्देशन में 09 सितम्बर शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय, अलीगढ, बाह्य स्थित न्यायालयों में एवं तहसील स्तर पर किया जाना है।
राष्ट्रीय लोक अदालत की भव्य सफलता के लिए गुरुवार को जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के विश्राम कक्ष में एक बैठक आयोजित की गयी। बैठक में मनोज कुमार अग्रवाल, अपर जिला जज कोर्ट संख्या-01/नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत, दिनेश कुमार नागर, पूर्णकालीन सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लघुवाद न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सिविल जज(सी0डि0), सिविल जज(सी0डि0), अतरौली, एसीजेएम, सिविल जज(जू0डि0), कोल, जे0एम0, सिविल जज(जू0डि0) हवाली, सिविल जज(जू0डि0) खैर, अपर सिविल जज(जू0डि0), ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, अपर सिविल जज(जू0डि0), अपर सिविल जज(जू0डि0), न्यायिक अधिकारी, ग्राम न्यायालय, गभाना, सिविल जज(जू0डि0)/एफटीसी, सिविल जज(जू0डि0), सिविल जज(जू0डि0) अतरौली, पीठासीन अधिकारी, अतिरिक्त न्यायालय,अलीगढ, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, अलीगढ उपस्थित आये।
बैठक दौरान उपस्थित आये सभी न्यायिक अधिकारीगण को जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजीव कुमार द्वारा निर्देशित किया कि आप सभी के द्वारा चिन्हित किये गये मामले अत्यन्त कम हैं, जिनकी संख्या और बढाई जाये और चिन्हित किये जाने वाले मामलों की सूची प्राधिकरण कार्यालय में प्रत्येक दशा में दिनांक 30 अगस्त से पूर्व उपलब्ध करा दें। जिससे राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामले चिन्हित करके दिनांक 9 सितम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा मामले निस्तारित हो सके और हमारे जिले का नाम नम्बर एक पर आ सके। जिला न्यायाधीश ने सभी से यह भी अपेक्षा किया कि 09 सितम्बर शनिवार को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करते हुये ज्यादा से ज्यादा मामलों का निस्तारण करें।
राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों, विभागों में लम्बित विभिन्न प्रकृति के मामलों जैसे फौजदारी के शमनीय वाद, धारा 138 एनआईएक्ट, धन वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, श्रम वाद, विद्युत अधिनियम एवं जलकर से सम्बन्धित वाद, पारिवारिक एवं वैवाहिक वाद, भूमि अर्जन वाद, सेवा सम्बन्धित वाद अन्य दीवानी वाद, अन्य प्रकृति के वाद जो न्यायालयों में लम्बित हैं और उक्त के अतिरिक्त पारिवारिक, वैवाहिक विवादों के प्रीलिटिगेशन मामलों और प्रीलिटिगेशन स्तर पर विभिन्न बैंको, वित्तीय संस्थाओं एवं विभागों में लम्बित/प्रीलिटिगेशन स्तर के मामलों का भी निस्तारण आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया जाना है।