आलू में प्री हार्वेस्ट एवं पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
अलीगढ़- मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाफेड) एंव उद्यान विभाग के द्वारा एपीडा नई दिल्ली के सहयोग से अलीगढ क्षेत्र के आलू उत्पादक किसानों के लिए आलू की प्री हार्वेस्ट एवं पोस्ट हार्वेस्ट प्रबन्धन विषय पर एक दिवसीय लगभग 60 कृषकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कराया गया।
कार्यक्रम में अलीगढ क्षेत्र के प्रगतिशील आलू कृषकों के साथ साथ सीपीआरआई मोदीपुरम मेरठ के वैज्ञानिकों के डॉ0 अनुज भटनागर, डॉ० वन्दना, डॉ० एस सुभाष, डॉ० अशरफ अली खान कृषि विज्ञान केन्द्र अलीगढ़ एवं सुमन (हाफेड) के द्वारा भाग लिया गया।
वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों द्वारा आलू में प्री हार्वेस्ट एवं पोस्ट हार्वेस्ट विषय जानकारी उपलब्ध करायी गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित अजयपाल सिंह (एफ०पी०ओ०) द्वारा ड्रिप सिंचाई, श्री आर०पी० सिंह पचौरी (एफ०पी०ओ०) द्वारा आलू की खेती एवं श्री संतोष (एफ०पी०ओ०) द्वारा आलू एवं ड्रिप सिंचाई के सम्बन्ध में अपने ज्ञान एवं अनुभव से अवगत कराया गया। मेरठ के वैज्ञानिक के द्वारा कृषकों को विस्तार पूर्वक द्वारा बताया गया कि उर्वरकों का प्रयोग संतुलित मात्रा में व समय से करने की आवश्यकता है। प्रोसेसिंग प्रजातियों का उत्पादन करने से अधिक मूल्य मिलेगा। वैज्ञानिकों द्वारा बुवाई से पूर्व से लेकर खुदाई के उपरान्त तक बरती जाने वाली सावधानियों को विस्तार पूर्वक किसानों को जानकारी दी गयी। जिला उद्यान अधिकारी डॉ धीरेन्द्र सिंह द्वारा जनपद में उद्यान विभाग के द्वारा उपलब्ध पुखराज, ख्याति व आनन्द बुवाई से लेकर खुदाई तक कृषि क्रियाओं के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक अवगत कराया और यह भी बताया कि उपरोक्त प्रजातियों का एफ-1 बीज उद्यान विभाग में पर्याप्त मात्रा मे उपलब्ध है। कोई भी किसान धनराशि 2325/- स० प्रति कुंतल की दर से इन प्रजातियों का आलू बीज की बुकिंग करा सकता है। सिंचाई के सम्बन्ध में संचालित पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना को जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि इसमें 90 प्रतिशत एवं 12 प्रतिशत जी०एस०टी० पर छूट होने पर यह बहुत कम किसान अंश के रूप में अपने प्रक्षेत्र पर लगायी जा सकती है। अभी तक इस योजना का प्रसार प्रचार पानी बचाने वाली योजना के रूप में किया गया किन्तु सर्वथा गलत है कि यह योजना जैसा की नाम है प्रति बूंद अधिक फसल के लिए संचालित की जा रही है। प्रधानमंत्री जी का सपना है कि कम लागत में किसान को अच्छी गुणवत्ता का अधिक उत्पादन कम, श्रम, धन, खाद, दवाओं, समय में हो सके जिससे किसान की आय दोगनी हो सके। अतः मौके पर ही लगभग 50 किसानों में स्प्रिंकलर योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण कराने की जानकारी ली और इसका लाभ लेने के लिए तत्काल पंजीकरण कराकर इस योजना के लाभ लेने के लिए आवश्यक कार्यवाही की गयी। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी किसानों से अनुरोध किया कि यहां पर दी गयी जानकारी खेती में अधिक से अधिक प्रयोग करें। ये वैज्ञानिक लखनऊ, शिमला, मेरठ से अपना कीमती समय निकाल कर आपकी आय बढ़ाने के लिए अपना समस्त प्रयास कर रहे हैं। अतः आप सभी से अनुरोध है कि ऐसे प्रशिक्षणों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें और प्रदेश को नम्बर 1 पर लाने का कार्य करें। यदि जिला प्रशासन के द्वारा कोई समस्या आती है तो किसानों के लिए 24 घण्टे हम सभी आपकी सेवा के लिए तत्पर है।