अपर मुख्य सचिव पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास की अध्यक्षता में निराश्रित गौवंश संरक्षण, गौआश्रय स्थलांे की स्थिति एवं उनके भरण-पोषण के समबन्ध में बैठक सम्पन्न
गौवंश संरक्षण के लिए 01 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक दो माह का चलेगा विशेष अभियान
अलीगढ़ – अपर मुख्य सचिव पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास उ0प्र0 शासन डा0 रजनीश दुबे की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में निराश्रित गौवंश संरक्षण, गौआश्रय स्थलांे की स्थिति एवं उनके भरण-पोषण की सम्यक व्यवस्था से सम्बन्धित बैठक आहुत की गयी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निराश्रित गौवंशों के संरक्षण एवं भरण-पोषण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। अभी हाल ही में भरण-पोषण भत्ते को 30 रूपये से बढ़ाकर 50 रूपये किया गया है। गौवंशों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो इसके लिए विशेष प्रयासों के साथ ही 01 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक दो माह विशेष अभियान चलाकर इधर-उधर विचरण कर रहे गौवंशों को आश्रय स्थल पर संरक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो माह तक चलने वाले इस अभियान में एसडीएम एवं बीडीओ नेतृत्व कर यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी निराश्रित गौवंश सड़कों पर घूमता न पाया जाए।
गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास
अपर मुख्य सचिव पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास उ0प्र0 शासन ने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही गाय को माता का दर्जा दिया गया है। पुराणों में उल्लिखित है कि गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है, इसलिए हमें हरहाल में गौवंश का संरक्षण करना जरूरी है। प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने भी गौवंश संरक्षण के लिए ठोस योजना बनाई है। स्थाई गौआश्रय स्थलों के साथ ही अस्थाई गौसंरक्षण केन्द्र एवं अतिरिक्त टिनशेड निर्माण के भी निर्देश दिये गये हैं। भरण-पोषण भत्ते में वृद्धि के साथ ही दो माह का विशेष अभियान चलाने के भी निर्देश दिये गये हैं।
31 दिसम्बर के बाद सड़कों पर नहीं दिखेंगे निराश्रित गौवंश
अपर मुख्य सचिव डा0 रजनीश दुबे ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा लखनऊ में उच्च स्तरीय बैठक कर निराश्रित गौवंशों के सरक्षण, सुरक्षा, देखभाल एवं उचित प्रबंधन के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि तहसीलवार 01-01 ट्रैक्टर की व्यवस्था करें। इस दौरान उन्होंने विशेष सचल दस्तों का गठन करने एवं स्थानीय ग्रामवासियों को सहभागी बनाते हुए रूटचार्ट तैयार कर गौवंशों को पकड़कर संरक्षित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शहरी एवं निकाय क्षेत्रों में भी इसी प्रकार से कार्ययोजना तैया कर निराश्रित गौवंशों का संरक्षण किया जाए।
गौचर, चरागाह की भूमि को कराएं अतिक्रमणमुक्त
समीक्षा के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि गौवंशों के भरण-पोषण के लिए गौचर, चरागाह की भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराते हुए हरा चारा उगाया जाए, जिससे निराश्रित गौवंश को वर्ष पर्यन्त हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में 297 स्थानों पर 799.228 हैक्टेयर भूमि चरागाह भूमि कब्जामुक्त है। अभियान के दौरान 44 स्थानों पर 18.606 हैक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराई गई है। वर्तमान में 68 गौआश्रय स्थलों को लिंक करते हुए 219 हैक्टेयर क्षेत्र में हरा चारा बोया गया है, जिसमें नैपियर घास, जई एवं बरसिम की बुबाई की गयी है।
गौआश्रय स्थलों की वित्तीय व्यवस्था
प्रत्येक गौआश्रय स्थल के भरण-पोषण की व्यवस्था डीबीटी के माध्यम से करने के निर्देश दिये गये हैं। डीपीआरओ धनंजय जायसवाल ने बताया कि 8123114 रूपये से 122 गौशालाओं में पूलिंग हो गयी है। अब तक 2063036 रूपये का व्यय हो चुका है। एसीएस ने सभी गौशालाओं में उचित मानदेय पर केयर टेकर रखे जाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि विशेष अभियान के दौरान 821 गौवंश संरक्षित किये गये हैं। जनपद में 36467 गौवंश संरक्षित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 122 अस्थाई गौवंश संरक्षण केन्द्र, 05 वृहद गौवंश संरक्षण केन्द्र संचालित हैं। नगर निगम द्वारा 02 गौआश्रय स्थल एवं निकाय क्षेत्रों में 16 गौआश्रय स्थल संचालित हैं। सहभागिता योजना में 4783 गौवंशों को गौपालकों को दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने गौआश्रय स्थलों की पोर्टल पर फीडिंग एवं कृत्रिम गर्भाधान की खराब प्रगति पर सीवीओ डा0 दिनेश कुमार को चेतावनी सहित स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिये, वहीं नगर निगम में अतिरिक्त गौशाला संचालन की समीक्षा के दौरान नगर आयुक्त के प्रति कड़ी प्रकट करते हुए कहा कि नये शासनादेश के अनुसार नगर निगम एवं नगर पंचायतों में गौसंरक्षण की जिम्मेदारी का निर्वहन नगर आयुक्त द्वारा किया जाना है, परन्तु समीक्षा से स्पष्ट हो रहा है कि नगर आयुक्त द्वारा शासन की मंशा के अनुरूप दायित्वों का निर्वहन नहीं किया जा रहा है। हालांकि बैठक में नगर आयुक्त के स्थान पर अपर नगर आयुक्त उपस्थित रहीं। उन्होंने पशुपालकों एवं मत्स्य पालकों के किसान क्रेडिट कार्ड अधिक से अधिक बनाए जाने की भी बात कही।
निदेशक पशुपालन डा0 अरूण कुमार जादौन ने सीवीओ समेत सभी पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि क्षेत्र में संवादहीनता को दूर करें, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता, पशुधन प्रसार अधिकारी, वेटनरी फार्मासिस्ट एवं पैरावेट से मित्रवत व्यवहार रखें। विभाग ने सौर्टेड सैक्स सीमन द्वारा कृत्रिम गर्भाधान 300 के स्थान पर 100 रूपये किया है। इसका क्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार करें और पशुपालकों को समझाएं कि इससे मादा गाय ही पैदा होती है। बैठक के अन्त में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने एसीएस को आश्वसत किया कि उनके मार्गदर्शन में जनपद में अभियान को सफल बनाया जाएगा। बैठक में सीडीओ, एडीएम, एडी पशुपालन, एडी मत्स्य, एसपी ट्रैफिक, डीडी एग्रीकल्चर सहित सभी एसडीएम, बीडीओ, ईओ, वीओ उपस्थित रहे।