रामपुर के वाशिंदों के नहीं बदले हालात, नारकीय जीवन जीने को हैं मजबूर
जन नायक सम्राट ब्यूरो अलीगढ (अनिल कुमार )
कासगंज विकास क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत काँतौर के गांव रामपुर में मुख्य मार्ग पर जलभराव हो रहा है। नाला न होने के कारण पानी की कोई निकासी नहीं है, जिससे पूरे गांव का पानी सड़क पर ही जमा हो जाता है। जलभराव होने से पूरी सड़क गढ्ढों में तब्दील हो चुकी है, काफी गहरे गड्ढे हैं जिनमें कीचड़ पानी इकट्ठा होने से कभी कभी दलदल जैसे हालात हो जाते हैं। यह मार्ग गांव को मोहनपुरा से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। इसी मार्ग पर इंटर कॉलेज एवं डिग्री कॉलेज स्थित है। गांव रामपुर में ही राशन की भी दुकान है, जहां काँतौर, रामपुर, नगला डुकरिया, खुर्रमपुर एवं नारायनपुर गांव के लोग राशन लेने आते हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में बच्चे भी इसी मार्ग से होकर स्कूल जाते हैं जो आए दिन गिरकर चुटैल होते रहते हैं। कभी कभी लोगों का राशन भी पानी में गिरकर खराब हो जाता है। आए दिन होने वाली घटनाओं से बचने को बेचारे बच्चे और ग्रामीण खेतों की पगडंडियों का सहारा लेकर अपने गंतव्य को पहुंचते हैं। कहने को गांव की सड़क का डामरीकरण है, जो बरेली मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग से गांव को जोड़ती है लेकिन जलभराव रहने से सड़क नाले में तब्दील हो चुकी है। रामपुर वासी इस अत्यंत गंभीर समस्या को एक लंबे अरसे से झेल रहे हैं और नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। इन दिनों डेंगू, मलेरिया का भयंकर प्रकोप है, जलभराव, गंदगी एवं कीचड़ जमा होने से संक्रामक रोग फैलने की प्रबल संभावना भी बनी हुई है। क्षेत्रीय नागरिकों ने इस जलभराव से निजात दिलाने, एंटी लार्वा एवं फॉगिंग कराने की अपील की है।
जल निकासी की नहीं है कोई व्यवस्था: जलभराव का मुख्य कारण है सड़क किनारे नालियों का अभाव। नालियां न होने से पूरे गांव का पानी सड़क पर जमा हो जाता है। सड़क किनारे खेतों की सतह ऊंची होने से एवं सड़क का तल नीचा होने के कारण पानी सड़क पर ही भरा रहता है।
पूर्व में काफी बार खबर प्रकाशित होने पर लिया था उच्चाधिकारियों ने संज्ञान: रामपुर गांव में जलभराव की समस्या कई वर्षों पुरानी है, करीब 2 वर्ष पूर्व भी खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी, जिसका उच्चाधिकारियों ने संज्ञान लेकर एडीओ पंचायत को स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिए थे। निरीक्षण के बाद जिस जगह जलभराव था वहां पर सड़क को ऊंचा कर इंटरलॉकिंग लगवा दी गई। अब गांव का पानी उस जगह से आगे भरने लगा है।