अलीगढ़
मा0 बेसिक शिक्षा मंत्री ने अतरौली में 365 दिव्यांग छात्र-छात्राओं को वितरित किये सहायक उपकरण
मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा में टैबलेट, स्मार्ट क्लास, खेलकूद यंत्र, आईटीसी लैब, बेहतर पाठ्य पुस्तकों परिषदीय विद्यालय बन रहे आधुनिक -संदीप सिंह, मा0 बेसिक शिक्षामंत्री
अलीगढ़ -प्रदेश के मा0 बेसिक शिक्षा मंत्री श्री संदीप सिंह एवं मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि श्री प्रवीण राज सिंह द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग एवं एल्मिको कानपुर के संयुक्त तत्वाधान में समेकित शिक्षा के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत विशेष आवश्यकता वाले 365 दिव्यांग छात्र-छात्राओं के सहायक उपकरण एवं उपस्कर वितरण कार्यक्रम का अतरौली स्थित कृष्णा एण्ड श्रीराम मेमोरियल वैदिक इंटर कॉलेज में मॉ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया गया।
मा0 बेसिक शिक्षा मंत्री श्री संदीप सिंह ने कहा कि दिव्यांग होने का मतलब यह नहीं है कि ये बच्चे जो चाहते हैं वह नहीं कर सकते। अब दिव्यांग बच्चे भी उपकरणों व उपस्करों के माध्यम से आम लोगों की भांति ही अपना जीवन यापन कर सकते हैं, आवश्यकता है तो बस इनको चिन्हित करने की। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में 3 लाख से ज्यादा बच्चांे को चिन्हित किया गया है। इसी के तहत आज यहां 365 बच्चों को 494 उपकरणों के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा वो दीपक है जिससे किसी भी बच्चे के जीवन में उजाला आ सकता है। आज मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा में टैबलेट, स्मार्ट क्लास, खेलकूद यंत्र, आईटीसी लैब, बेहतर पाठ्य पुस्तकें परिषदीय विद्यालयों में प्रदान की जा रही हैं। शिक्षकों और बच्चों की बेहतरी के लिए मा0 मुख्यमंत्री जी निरन्तर प्रयासरत हैं। पहले परिषदीय विद्यालयों में अभिभावक बच्चों को भेजने से कतराते थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालय एवं पीएम श्री विद्यालय योजना शुरू हो चुकी है। प्रत्येक जनपद में जब इन योजनाओं के अन्तर्गत विद्यालय बनकर तैयार हांेंगे तो कहीं से भी निजी विद्यालयों से कमतर नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि बच्चा चाहे सामान्य हो या दिव्यांग शिक्षा सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है और प्रदेश सरकार द्वारा इसे विद्यालयों के कायाकल्प, निपुण भारत मिशन के तहत मूर्त रूप दिया जा रहा है।
मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि श्री प्रवीण राज सिंह ने 365 बच्चों के आंकड़े को अलग रूप में परिभाषित करते हुए कहा कि जिस प्रकार वर्ष में 365 दिन होते हैं आज उसी प्रकार पूरे वर्ष भर के लाभार्थियों को एक साथ लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईश्वर जब किसी में कोई कमी देते है तो उसमें कोई न कोई विशेष प्रतिभा भी देते है। मा0 मंत्री जी के नेतृत्व में बेसिक शिक्षकों द्वारा इसी छुपी हुई प्रतिभा को निखारने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अतरौली की यह धरती हमेशा से ही क्रांतिकारी रही है बाबूजी के नेतृृत्व में चाहे राम मंदिर आन्दोलन हो या नकल विहीन शिक्षा अतरौली ने हमेशा से देश-प्रदेश में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने बेसिक शिक्षकों से आव्हान किया कि दिव्यांग बच्चों को इस प्रकार की शिक्षा प्रदान की जाए कि जब ये अपने जीवन में आगे बढ़े तो अपने बेसिक शिक्षक पर गर्व कर सकें।
एडी बेसिक कृपाशंकर वर्मा ने बताया कि समग्र शिक्षा के अन्तर्गत समेकित शिक्षा में जनपद में 6239 का चिन्हांकन करते हुए उनका परिषदीय विद्यालयों नामांकन कराते हुए समर्थ पोर्टल पर रजिस्ट्रशन कराया गया है। शैक्षिक सन्न 2023-24 में जनपद में 13 मेडिकल कैम्प का आयोजन करते हुए 650 दिव्यांग छात्र-छात्राओं का निःशुल्क दिव्यांग प्रमाण पत्र निर्गत कराया गया है। उन्होंने बताया कि जनपद में 140 अति गम्भीर बच्चों को विशेष शिक्षक एवं फिजियोथेरेपिस्ट के माध्यम से होम बेस्ड एजुकेशन एवं होम बेस्ड किट उपलब्ध कराते हुए शिक्षा प्रदान किया जा रहा है। जनपद में 103 पूर्ण दृष्टिबाधित ब्रेल किट एवं 100 अल्प दृष्टिबाधित बच्चों को लो विजन किट के माध्यम से शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। दिव्यांग बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए विकास खण्ड स्तर एवं जनपद स्तर पर एकडमिक स्पोर्ट्स एवं कल्वरल मीट का आयोजन किया जाता है। जनपद में 50 दृष्टिबाधित बच्चों का चिन्हांकन करते हुए उनको सांस्कृतिक गतिविधियों एवं एतिहासिक गतिविधियों से परिचित कराने के लिए दर्शनीय स्थलों का भ्रमण 02 अक्टूबर, 2023 को एक्सपोजर विजिट कराया गया है। जनपद के 1994 परिषदीय विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए रैम्प एवं रेलिंग का निर्माण कराया गया है और 250 नवीन दिव्यांग शौचालय का निर्माण कराया गया है। दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की जागरूकता एवं दिव्यांगता की पहचान कराने के लिए अभिभावक-अध्यापक मीटिंग का आयोजन किया जाता है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी डा0 राकेश कुमार सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग एवं एलिम्को कानपुर द्वारा मापन शिविर कैम्प का आयोजन जनपद में ब्लाक संसाधन केन्द्र धनीपुर, खैर एवं अतरौली में आयोजित किया गया, जिसमें समस्त विकास खण्ड के दिव्यांग बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कैम्प में जनपद के परिषदीय विद्यालयों में अध्ययरत कुल 403 (अस्थि बाधित, सेरेबल पाल्सी, मानसिक मंद, बहुदिव्यांग, दृष्टि बाधित एवं श्रवण बाधित) दिव्यांग छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रतिभाग किये गये दिव्यांग बच्चों में से विशिष्ठ आवश्यकता वाले 365 दिव्यांग बच्चों को 494 उपकरण एवं उपस्कर वितरित कराया गया है। उन्होंने विकास खण्डवार लाभांवित छात्र-छात्राओं की जानकारी देते हुए बताया कि अकराबाद के 38, अतरौली के 37, बिजौली के 32, चण्डौस के 36, धनीपुर के 22, गंगीरी के 31, गोण्डा के 11, इगलास 13, जवां के 23, खैर के 30, लोधा 23, टप्पल के 38 एवं अलीगढ़ नगर के 31 समेत कुल 365 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं को उनकी आवश्यकतानुसार 30 ट्राई साईकिल, 59 व्हील चेयर, 52 क्रचेज, 26 कैलिपर, 28 सी0पी0 चेयर, 100 हियरिंग एड, 20 ब्रेल किट, 13 फोल्डिंग केन, 04 स्मार्ट केन, 62 रोलेटेड समेत कुल 494 उपरकण वितरित कर दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोडने का कार्य किया जा रहा है।
जिला पंचायत के माध्यम से बीआरसी में 2.47 करोड़ से बनेंगे आधुनिक शौचालय:
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा0 राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जिला पंचायत द्वारा प्रत्येक थाने में आधुनिक शौचालय निर्माण के उपरान्त अब 2.47 करोड़ से जनपद की सभी 12 बीआरसी एवं 01 यूआरसी समेत कुल 13 आधुनिक शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा।
विशेष शिक्षकों ने दिया मंत्री जी को ज्ञापन:
दिव्यांग बच्चों के अध्यापन कार्य के लिए नियुक्त 25 विशेष शिक्षकों एवं 01 फिजियोथैरिपिस्ट ने मानदेय बढ़ोत्तरी के लिये मा0 बेसिक शिक्षा मंत्री को ज्ञापन दिया। जिस पर मा0 मंत्री जी ने शासन में उनकी मांगे रखने के लिए आश्वस्त किया गया।
इस अवसर पर डायट प्राचार्य विनय कुमार गिल, जिला समन्वयक समेकित शिक्षा ऋषि सिंह, समस्त एबीएसए, जिला उपाध्यक्ष मनोज कुमार, जिला महामंत्री डा0 गोपाल माहेश्वरी, धर्मवीर सिंह, भगवान सहाय शर्मा, नत्थू सिंह, होमेन्द्र सिंह, उदयपाल सिंह, कमलेश पालीवाल समेत समस्त विकासखण्डों के शिक्षकों एवं अभिभावकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों द्वारा सांस्कृति कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी।