अलीगढ़

आईबीई के आहवान पर बैंकों में समुचित भर्ती की माँग के समर्थन में एवं आउटसोर्सिंग के विरोध में देशव्यापी आंदोलन के अंतर्गत केनरा बैंक एम्पलाइज यूनियन की जोरदार धरना/ प्रदर्शन

अलीगढ़ इकाई ने केनरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय निकट सूतमील चौराहा अलीगढ़ पर एक जोरदार धरना/ प्रदर्शन किया इसमें केनरा बैंक की 69 शाखाओं में पदस्थ कर्मचारी उपस्थित रहे साथ ही यूपीबीईयू का पूर्ण सहयोग एवं समर्थन रहा। साथी मंत्री प्रदीप चौहान जी ने बताया कि सुनियोजित ढंग से बैंकों में अंशकालिक कर्मचारियों सहित लिपिक और अधीनस्थ संवर्ग में पर्याप्त भर्ती नहीं की जा रही है | विगत वर्षों में लिपिक संवर्ग में भर्ती की संख्या में भारी कमी आई है । अधिकांश बैंकों में पिछले कुछ वर्षों में अधीनस्थ कर्मचारियों की कोई भर्ती नहीं हुई । बैंकों में पर्याप्त स्टाफ की भर्ती न होने के कारण ग्राहक सेवाओं में गिरावट हो रही है और मौजूदा कर्मचारियों पर कार्यभार बढ़ने से उनके काम की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है । कई शाखाओं में कर्मचारी कार्यालय समय के भीतर अपना दैनिक कार्य निपटाने में असमर्थ होते हैं और देर तक बैठने के लिए मजबूर होते हैं जिसके परिणाम स्वरुप काम से संबंधित तनाव बढ़ रहा है और कर्मचारियों का इससे निपटना मुश्किल हो रहा है ऐसे में जहां कर्मचारियों की कमी के कारण स्थानीय शाखा प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों के अवकाश को भी अस्वीकृत कर दिया जाता है और ऐसे में महिला कर्मचारियों को भी अत्यधिक परेशानी हो रही है । यह विडंबना पूर्ण है कि जहां शीर्ष प्रबंधन कर्मचारियों को कई बार शाखाओं में अधिकारियों को भी काउंटर पर बैठकर नियमित लिपिकीय कार्य करने के लिए मजबूर किया जाता है । अधीनस्थ और अंशकालिक कर्मचारियों की रिक्तियों को न भरने के परिणाम स्वरुप बैंकों में अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति हो रही है जिससे आउट्सोर्सिंग और कानूनी दावपेच बढ़ रहे हैं। अधिकांश शाखाओं में अनुबंध पर कर्मचारी रखे जा रहे है। यह उच्च प्रबंधन द्वारा बैंकों को अधिकारी उन्मुख बनाने की कार्ययोजना का हिस्सा है। पिछले वर्षों में बैंकों में कुल कारोबार में भारी वृद्धि हुई है और बैंकों के बीच प्रतिवर्ष प्रतिस्पर्धा के कारण ग्राहकों के लिए दिन प्रतिदिन नई सेवाएं या नए उत्पाद पेश किया जा रहे हैं पारंपरिक बैंकिंग ने उत्पाद बैंकिंग का मार्ग प्रशस्त कर दिया है । तीसरे पक्ष के उत्पादों की बिक्री सहित अनेक सेवाएं शुरू की गई है । साथ ही पारंपरिक बैंकिंग व्यवस्था व्यवसाय दुगना हो गया है हालांकि भर्ती कार्यभार वृद्धि के अनुरूप नहीं है । काम का बोझ कई गुना बढ़ गया है लेकिन बैंकों द्वारा की जाने वाली भर्ती नाम मात्र की है। कई बैंकों में विलय के बाद काम का बोझ बढ़ने के बावजूद भर्ती में भारी गिरावट आई है तो कुछ में पिछले कुछ सालों में कोई भर्ती नहीं हुई है । यह पता चला है कि सरकार ने इस संबंध में बैंकों को भर्ती नहीं करने के निर्देश दिए हैं । बैंक कारोबार की मात्रा कई गुना बढ़ गई है लेकिन कर्मचारियों की अपर्याप्त संख्या के कारण काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों को बैंकों के ग्राहकों को विनम्र एवं गुणवत्ता पूर्ण ग्राहक सेवा प्रदान करना मुश्किल हो रहा है । अतः हम देश के बैंकों में इतनी रिक्तियां होने के कारण, बैंकों में लिपिकीय और अधीनस्थ कर्मचारियों की तत्काल भर्ती की जोरदार मांग करते हैं जिससे बैंक ग्राहकों को अच्छी ग्राहक सेवा प्रदान की जा सके और देश के विकास में बैंक अच्छा योगदान कर सकें। इस अवसर पर जितेंद्र, हिमांशु, भूपेंद्र, पूनम, विजयलक्ष्मी, धीरज, अभिषेक, कपिल, प्रकाश व
अन्य साथी उपस्थित रहे।

JNS News 24

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