भीम आर्मी भारत एकता मिशन पश्चिम बंगाल प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द पीड़ितों से मिलेगा
समिति और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक
छह सदस्यीय केंद्रीय समिति को संदेशखाली हिंसा का जायजा लेने के दौरान पुलिस ने शुक्रवार को रोक दिया. इस समिति में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद शामिल थे. संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुई हिंसा और यौन दुराचार की जांच करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था. अब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी बीजेपी के ही कदम पर चलते हुए एक प्रतिनिधिमंडल वहां भेजने का फैसला किया है.चंद्रशेखर आजाद ने इसकी जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, ‘पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिला उत्पीड़न व हिंसा की खबरों का सामने आना और इसे लेकर वहाँ के हालात चिंताजनक है. भीम आर्मी भारत एकता मिशन पश्चिम बंगाल प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द पीड़ितों से मिलेगा. हम राज्य सरकार से मामले की न्यायिक जाँच और दोषियों के खिलाफ़ सख्त से सख्त कार्यवाही की माँग करते हैं.’
वहीं बीजेपी की समिति में अग्निमित्रा पॉल भी शामिल थीं, जो सुबह ही संदेशखाली के लिए रवाना हो गईं, लेकिन जैसे ही उन्होंने रामपुर में प्रवेश किया, जो कि संदेशखाली से कुछ ही दूरी पर स्थित है, तो उन्हें पुलिस ने रोक दिया. इस घटना के बाद समिति के सदस्यों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई. हालांकि, समिति के सदस्यों ने दलील दी कि महज पांच लोग ही संदेशखाली में प्रवेश करेंगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी. पुलिस के रोके जाने के बाद समिति के सदस्य सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन को इस बात का डर है कि कहीं संदेशखाली की महिलाएं फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को लेकर कहीं कोई बड़ा खुलासा ना कर दें. बता दें कि उच्चस्तरीय केंद्रीय समति की संयोजक अन्नपूर्णा देवी हैं. दूसरे सदस्यों में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक, सांसद सुनीता दुग्गल, सांसद कविता पाटीदार, सांसद संगीता यादव और बृज लाल (राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक) शामिल हैं.