विदेश

सऊदी अरब में एक पिता ने दया और करुणा की बड़ी मिसाल पेश की है. जिस व्यक्ति ने उनके बेटे को मौत के घाट उतार दिया था,

हत्यारे पर दिल पिघल गया. वह भी तब, जब उसे फांसी दी जा रही थी. अंतिम घड़ी में वह मौके पर अफसरों से बोले कि इसे फांसी न दी जाए.

 सऊदी अरब में एक पिता ने दया और करुणा की बड़ी मिसाल पेश की है. जिस व्यक्ति ने उनके बेटे को मौत के घाट उतार दिया था, उनका उसी हत्यारे पर दिल पिघल गया. वह भी तब, जब उसे फांसी दी जा रही थी. अंतिम घड़ी में वह मौके पर अफसरों से बोले कि इसे फांसी न दी जाए.संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अंग्रेजी अखबार ‘गल्फ न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब के नागरिक अल हुमैदी अल हरबी के बेटे के हत्यारे को फांसी दी जानी थी. अफसरों की ओर से सारी तैयारियां की जा चुकी थीं. इसी बीच, ऐन मौके पर मृतक के पिता पहुंचे और उन्होंने कहा, “मेरे बेटे का मर्डर करने वाले को बख्श दिया जाए.” यह सुनते ही फांसी देने और दिलाने वाले अधिकारी एक पल को दंग रह गए कि अचानक इस व्यक्ति का हृदय परिवर्तन कैसे हो गया. उन्होंने बिल्कुल भी उम्मीद नहीं की थी कि अल हुमैदी अल हरबी मौके पर आकर ऐसी बात कहेंगे.  रोचक बात है कि इससे पहले मामले में दोषी की ओर से पर्याप्त मुआवजे के प्रस्ताव के साथ कई सारी दया याचिकाएं दी गई थीं लेकिन उन्हें खारिज किया जा चुका था. फिर भी अल हुमैदी अल हरबी ने अंतिम समय में मन बदल लिया और बेटे की जान लेने वाले को बिना किसी शर्त के जीवन दान दे दिया.
अल हुमैदी अल हरबी के क्षमादान की पूरे देश में हुई चर्चाचूंकि, इस तरह की अप्रत्याशित माफी की किसी को उम्मीद नहीं थी. ऐसे में लोगों के बीच मृतक के पिता को लेकर सम्मान की भावना देखने को मिली. जैसे ही लोगों को इस बारे में सूचना हुई तो उन्होंने करुणा और दया के प्रमाण के तौर पर अल हुमैदी अल हरबी के क्षमादान की तारीफ की.
सऊदी अरब में अधिकतर सिर कलम करके दी जाती है सजामिडिल ईस्ट के तहत आने वाले सऊदी अरब में आज भी मौत की सजा एक कानूनी सजा है. वहां के अधिकतर सजा सिर कलम करके दी जाती है और सऊदी अरब दुनिया का इकलौता मुल्क है. जो अभी भी इस तरीके का इस्तेमाल करता है.

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!